बार बार बदलते मौसम की मार और खेती से अपेक्षित लाभ न मिलने का परिणाम यह रहा है कि उप्र के 2635749 किसान कृषि ऋण समय पर नहीं चुका पाए हैं। उनके सिर पर किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) का 35691 करोड़ रुपये का कर्ज चढ़ गया है। बैंकों ने यह रकम एनपीए में शो कर दी है। उधर, इस साल मौसम फिर इसी तरह का हो रहा है जिससे किसानों पर आफत आने वाली है।
सरकार किसानों को लगातार ऋण सुविधा देकर सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है। इसमें सबसे ज्यादा जोर केसीसी बनाने पर है। सरकार का उद्देश्य है कि किसान सस्ती ब्याज दर पर ऋण लें और अपनी फसल की बेहतर उपज लें। वैसे तो केसीसी पर 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर लगती है लेकिन किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए इसमें छूट दी गई है। यदि किसान एक साल के भीतर अपना ऋण अदा करते हैं तो उसे ब्याज में तीन प्रतिशत की छूट मिलती है। यानी ब्याज की दर केवल चार प्रतिशत ही रह जाती है।
इस समय प्रदेश के 15045360 किसानों के पास केसीसी है। इन केसीसी पर किसानों को मार्च 2023 तक 147083.35 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। केवल वर्ष 2022-2023 में प्रदेश के 8116406 किसानों को केसीसी जारी किए गए। लक्ष्य तो केवल 58.93 लाख (नए व नवीनीकरण) केसीसी का था पर बैंकों ने इसमें गजब की परफारमेंस दिखाई और लक्ष्य के सापेक्ष 138 प्रतिशत लक्ष्य पूरा किया। पिछले वर्ष किसानों को 97640.54 करोड़ रुपये जारी किए थे। केसीसी धारक 2635749 किसान समय से अपने केसीसी का ऋण नहीं चुका पाए। 31 मार्च 2023 तक इन किसानों पर कर्ज की कुल बकाया रकम लगभग 35691 करोड़ रुपये हो गई है।
वर्ष 2022-2023 में जारी केसीसी
बैंक कार्ड रकम करोड़ में
वाणिज्यिक बैंक 3632276 51921.07
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक 4257999 44266.39
कोआपरेटिव बैंक 226131 97640.51
फसल बीमा योजना में आ सकती है परेशानी
प्रदेश सरकार ने फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराने की तारीख बढ़ाकर 10 अगस्त कर दी है। इस समय मौसम खराब है और किसान फसल बीमा कराने की तैयारी में है। सरकार भी इस पर जोर दे रही है कि गांव गांव अभियान चलाकर फसलों का बीमा कराएं। अहम यह है कि जिन किसानों ने केसीसी का ऋण नहीं चुकाया है, उन्हें बीमा कराने में परेशानी हो सकती है। कम से कम केसीसी के जरिए बीमा कराने में तो अड़चन आएगी ही। हालांकि अभी इसके लिए स्पष्ट नियम जारी नहीं किया गया है।
बैंक कह रहे माफ होने के चक्कर में ऋण अदा नहीं किया
कृषि मंत्री के साथ हुई बैठक में बैंक प्रतिनिधियों ने साफ कहा कि किसान इसलिए पैसा नहीं दे रहे हैं क्योंकि वे सोच रहे हैं यह ऋण माफ हो जाएगा। इस पर कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार यह ऋण माफ नहीं करेगी। इस बाबत वे साफ-साफ कई बार कह चुके हैं। पत्र भी जारी किया जा चुका है।
बैंकों की बैठक की गई है। कहा गया है कि जिन किसानों ने अपना ऋण अदा नहीं किया है, उनसे तकादा करें। यह ऋण माफ नहीं होगा। मैंने कहा है कि भारत सरकार के नियमों को देख लें और ज्यादा से ज्यादा किसानों का प्रधानमंत्री फसल बीमा कराएं।
– सूर्य प्रताप शाही, कृषि मंत्री