घर-घर सौहार्दपूर्ण वातावरण के लिए प्रदेश सरकार ने गिफ्ट डीड (संपत्ति दान करने) को स्थायी कर दिया है। पिछले साल मार्च से सितंबर के बीच छह महीने के लिए गिफ्ट डीड को ट्रायल रूप में लागू किया गया था। इसके अच्छे परिणाम सामने आने के बाद स्टांप एवं पंजीयन विभाग द्वारा इसे पुन: लागू करने के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी। रक्त संबंधों के अलावा पहली बार विधवा बहू को भी सास-ससुर केवल पांच हजार रुपये में संपत्ति दान कर सकेंगे। गिफ्ट डीड का इस्तेमाल पांच साल में एक बार किया जा सकेगा।
अभी तक परिवार के बीच भी संपत्ति के बंटवारे पर सात फीसदी स्टांप शुल्क लगता था। झगड़े रोकने के लिए पिता वसीयत करते थे, लेकिन अधिकांश वसीयतें विवाद के कारण कोर्ट पहुंच जाती थीं। भारी भरकम स्टांप के कारण पिता अपने जीवित रहते बेटे को संपत्ति नहीं दे पाता था। इस वजह से बेटा उनकी आंखों के सामने व्यवसाय नहीं कर पाता था। भाई-भाई के बीच भी संपत्ति बंटवारे में सात फीसदी स्टांप देय था।
यूपी में शिक्षकों की भर्ती के लिए एक आयोग
बहुप्रतीक्षित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन का रास्ता साफ हो गया है। यह आयोग उच्च से लेकर बेसिक शिक्षा, अनुदेशकों और सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक कॉलेजों के शिक्षकों की भर्ती करेगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट ने मंगलवार को शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक को मंजूरी दे दी। अगले सत्र में इसे विधानमंडल से पारित कराया जाएगा। इससे लंबे समय से विभिन्न स्तर पर हो रही शिक्षक भर्ती का इंतजार खत्म होने के साथ 5,000 भर्तियों का रास्ता साफ हो गया। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि आयोग के प्रभावी होने पर उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और सेवा चयन बोर्ड समाप्त हो जाएंगे। यह एक निगमित निकाय होगा। इसका मुख्यालय प्रयागराज में होगा। विधेयक को कानूनी जामा पहनाए जाने के बाद आयोग में एक अध्यक्ष और 12 सदस्य होंगे। इन्हें पद संभालने के दिन से तीन साल के लिए या 65 वर्ष की आयु तक के लिए तैनात किया जाएगा।