कर्नाटक चुनाव: मतदान से लेकर मतगणना और दिग्गज उम्मीदवारों तक, जानें सबकुछ

Uncategorized देश

कर्नाटक में आज विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। मतदान को लेकर सभी 224 विधानसभा सीटों पर सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं। इस बार चुनाव लड़ने वालों में कई बड़े नेता भी हैं। खुद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार, जेडीएस के मुखियाा एचडी कुमारस्वामी जैसे कई दिग्गज मैदान में हैं।

कर्नाटक सरकार के कई मंत्रियों का मुकाबला कांग्रेस और जेडीएस के बड़े नेताओं से है। भाजपा के कई बागी पार्टी बदलकर मैदान में उतर चुके हैं। इन सभी की किस्मत बुधवार को ईवीएम में कैद हो जाएगी। कौन जीता और किसे हार मिली ये 13 मई को सामने आएगा। ऐसे में हम आपको चुनाव से जुड़ी 10 बड़ी बातें बताने जा रहे हैं।

  1. कितने बजे से शुरू होगी वोटिंग?
    चुनाव आयोग के अनुसार, कर्नाटक में सुबह सात बजे से मतदान की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो शाम छह बजे तक जारी रहेगी। शाम छह बजे तक मतदान के लिए लाइन में लग जाने वाले लोग जब तक वोट नहीं डाल लेते हैं, तब तक वोटिंग जारी रहेगी।
  2. कितने मतदान केंद्रों पर होगी वोटिंग?
    कर्नाटक में कुल 224 विधानसभा क्षेत्र हैं। यहां मतदान के लिए चुनाव आयोग ने कुल 58,545 केंद्र बनाए हैं।
  3. कितने वोटर्स डालेंगे वोट?
    चुनाव आयोग के अनुसार, कुल 5,31,33,054 मतदाता वोट डालने के पात्र हैं। मतदाताओं में 2,67,28,053 पुरुष और 2,64,00,074 महिलाएं हैं। 4,927 अन्य मतदाता भी हैं, जबकि उम्मीदवारों में 2,430 पुरुष हैं, 184 महिलाएं हैं, और एक थर्ड जेन्डर है।
  4. कितने प्रत्याशी मैदान में?
    224 विधानसभा सीटों पर कुल 2,615 उम्मीदवारों ने नामांकन किया है। इसमें 901 निर्दलीय हैं। भाजपा ने सभी 224 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, तो कांग्रेस ने 221 सीटों पर। जेडीएस के 208, आम आदमी पार्टी के 208, बसपा के 127 प्रत्याशी मैदान में हैं। समाजवादी पार्टी ने 14, एनसीपी ने नौ प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। अन्य राजनीतिक दलों के 669 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं।
  5. पांच हॉट सीटें कौन सी हैं?
    कर्नाटक की सबसे हाई प्रोफाइल सीट शिग्गांव है। यहां से मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई खुद चुनाव लड़ रहे हैं। इसके बाद वरुणा विधानसभा है। यहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया चुनाव लड़ रहे हैं। सिद्धारमैया के खिलाफ भाजपा ने कर्नाटक के मंत्री वी. सोमन्ना को प्रत्याशी बनाया है।

तीसरी हॉट सीट कनकपुरा विधानसभा है। यहां से कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार चुनाव लड़ रहे हैं। शिवकुमार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने राजस्व मंत्री आर अशोक को मैदान में उतारा है। चौथी हॉट सीट चन्नापट्टन विधानसभा है। इस सीट से जेडीएस प्रमुख एचडी कुमारस्वामी मैदान में हैं।

पांचवीं हॉट सीट अथणी विधानसभा है। यहां से कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। लक्ष्मण सावदी हाल ही में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। लक्ष्मण सावदी के खिलाफ भाजपा ने महेश कुमाथल्ली ओर जेडीएस ने शशिकांत पदसालगी को मैदान में उतारा है।

  1. कई करोड़पति प्रत्याशी चुनावी मैदान में
    कर्नाटक में चुनाव लड़ रहे 2,615 उम्मीदवारों में से 1,087 करोड़पति हैं। प्रत्याशियों की औसत दौलत 12 करोड़ से ज्यादा की है। चार उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनके पास एक हजार करोड़ से ज्यादा की दौलत है। 592 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिनके पास पांच करोड़ या इससे अधिक की संपत्ति है। 272 प्रत्याशियों के पास दो से पांच करोड़ रुपये की दौलत है। 493 उम्मीदवारों के पास 50 लाख से दो करोड़ रुपये तक की संपत्ति है। 578 उम्मीदवारों ने चुनावी हलफनामे में बताया है कि उनके पास दस लाख से 50 लाख रुपये तक की दौलत है। 651 प्रत्याशी ऐसे भी हैं, जिनके पास 10 लाख से कम की संपत्ति है।
  2. कितने पढ़े लिखे हैं उम्मीदवार?
    कर्नाटक में 48 प्रतिशत उम्मीदवारों ने पांचवीं से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई की है। 43 प्रतिशत उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने स्नातक या इससे अधिक पढ़ाई की है। 150 उम्मीदवारों ने डिप्लोमा किया है। 47 प्रत्याशी ऐसे हैं, जिन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में खुद को केवल साक्षर बताया है। 37 उम्मीदवार अशिक्षित हैं। एक उम्मीदवार ने अपनी शैक्षणिक जानकारी नहीं दी है।
  3. केवल सात प्रतिशत महिला उम्मीदवार
    कर्नाटक में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों में केवल सात प्रतिशत महिलाएं हैं। सबसे ज्यादा आम आदमी पार्टी ने 17, जेडीएस ने 13, भारतीय जनता पार्टी ने 12, कांग्रेस ने 11 महिलाओं को टिकट दिया।
  4. कर्नाटक चुनाव में ये मुद्दे रहे हावी

कांग्रेस ने उठाया भ्रष्टाचार का मुद्दा : कांग्रेस ने बोम्मई सरकार पर आरोप लगाया कि वो हर कॉन्ट्रैक्ट पर 40 फीसदी कमीशन खा रही थी। बेलगावी में एक ठेकेदार ने बीजेपी के मंत्री पर ये आरोप लगाकर खुदकुशी कर ली थी कि उससे 40 फीसदी कमीशन मांगा जा रहा था। इसके बाद कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन ने राज्य सरकार के मंत्रियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। नतीजा ये हुआ कि मंत्री ईश्वरप्पा को इस्तीफा देना पड़ा और सरकार बुरी तरह घिर गई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और बाकी तमाम नेताओं ने हर मंच से 40% कमीशन वाली सरकार बोलकर बीजेपी पर तंज कसा।

नंदिनी-अमूल विवाद : कर्नाटक चुनाव में नंदिनी दूध का मुद्दा भी खूब चर्चा में रहा। दूध बेचने वाली कंपनी अमूल ने एक ट्वीट किया, जिसमें उसने कहा कि वो बेंगलुरू में अपने प्रोडक्ट लॉन्च करने जा रही है। इसके बाद इस मामले ने जमकर तूल पकड़ लिया और कांग्रेस ने इसे हाथों हाथ लिया।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि गुजरात की अमूल कंपनी को बीजेपी कर्नाटक में लाकर यहां के लोकल ब्रांड नंदिनी को खत्म करने की कोशिश कर रही है। बाद में भाजपा ने भी अपने चुनावी घोषणा पत्र में नंदिनी दूध का जिक्र किया। कहा कि गरीबों को आधा लीटर दूध मुफ्त दिया जाएगा।

मुस्लिम आरक्षण : चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने मुस्लिम आरक्षण को खत्म करने का एलान कर दिया। मुस्लिम समुदाय को मिलने वाले चार फीसदी आरक्षण को लिंगायत और वोक्कालिगा में बराबर बांट दिया गया। कर्नाटक में दो अहम समुदायों को लुभाने का ये बड़ा दांव था। कांग्रेस ने इसके जवाब में चुनावी वादा किया कि वो अगर सत्ता में आते हैं तो मुस्लिम आरक्षण को बहाल कर दिया जाएगा। इसके अलावा ओबीसी, दलितों को दिए जाने वाले आरक्षण के दायरे को भी 50 से बढ़ाकर 70 प्रतिशत करने का वादा किया है।

बयानबाजी का मुद्दा : कर्नाटक चुनाव में बयानों को भी खूब चुनावी मुद्दा बनाया गया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनावी मंच से एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने जहरीले सांप का जिक्र किया। इसके बाद खुद पीएम मोदी ने हर मंच से खुद पर हुए इस हमले का जिक्र किया और इसे भगवान शिव से जोड़ दिया। पीएम मोदी ने कहा कि सांप तो भगवान शिव के गले का हार होता है और मैं जनता रूपी शिव के गले का हार हूं। बाद में इस बयान को लेकर खरगे को सफाई देनी पड़ी।

बजरंग दल को बनाया बजरंग बली : कांग्रेस ने अपने चुनावी वादों में एक वादा ये भी किया है कि वो बजरंग दल जैसे संगठनों को बैन करने पर विचार करेंगे। पार्टी की तरफ से बजरंग दल की तुलना पीएफआई से की गई। बीजेपी ने बजरंग दल को सीधे बजरंग बली से जोड़ दिया और पूरा मुद्दा भगवान के अपमान पर आ गया। खुद पीएम मोदी ने कहा कि भगवान राम के बाद अब ये लोग बजरंग बली को ताले में बंद करना चाहते हैं।

केरल स्टोरी : ‘द कश्मीर फाइल्स’ की तरह द केरल स्टोरी फिल्म को लेकर भी कर्नाटक चुनाव में जमकर बवाल हुआ, इसे कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने एक प्रोपेगेंडा बताया। चुनाव से ठीक पहले रिलीज हुई इस फिल्म को लेकर बीजेपी ने एक बार फिर कांग्रेस को घेरा और कहा कि वो सच्चाई से दूर भाग रहे हैं। खुद पीएम मोदी ने चुनावी मंच से इसका जिक्र किया और कहा कि केरल की असली सच्चाई फिल्म में दिखाई गई है। धर्म परिवर्तन और आईएसआईएस पर बनी इस फिल्म की गूंज चुनावी रैलियो में खूब सुनाई दी।

  1. कब आएंगे नतीजे?
    13 मई को मतगणना होनी है। 13 मई की सुबह से ही रूझान आने शुरू हो जाएंगे और दोपहर तक तस्वीर काफी हद तक साफ हो जाएगी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *