अतीक अहमद और उमेश पाल के बीच यूं तो राजू पाल हत्याकांड के बाद से ही दुश्मनी चल रही थी, लेकिन फोन पर अतीक को गालियां और शाइस्ता को लेकर की गई टिप्पणी से पूरा कुनबा भड़क गया था। इसी के बाद उमेश की हत्या की साजिश रची गई।
मां-बाप को अपशब्द कहे जाने से असद इस कदर भड़का हुआ था कि उसने बरेली जेल में अशरफ तथा अन्य लोगों के सामने कहा था कि वह उमेश के सीने में गोली मारेगा। हालांकि, अशरफ ने उसे शांत करते हुए कहा था कि वह कार से नहीं उतरेगा। लेकिन जब उमेश पर हमला किया गया तो असद न सिर्फ कार से उतरा बल्कि उसने उमेश को कई गोलियां भी मारीं।
उसमें से एक उमेश के सीने पर लगी थी। असद के दोस्त आतिन जफर ने पुलिस की पूछताछ में इस बात का खुलासा किया था। उमेश हत्याकांड से कुछ दिन पहले गुड्डू मुस्लिम ने अपने मोबाइल से उमेश और अतीक की बात कराई थी।
इसी दौरान दोनों के बीच बहस हो गई। अतीक ने गालियां दीं तो उमेश ने भी पलटकर गाली गलौज की। इसके साथ ही उसने शाइस्ता के बारे में भी टिप्पणी की। शायद किसी ने पहली बार अतीक को सामने से गाली दी थी। इसे लेकर अतीक भड़का तो पूरा कुनबा उमेश के खून का प्यासा हो गया।
11 फरवरी को असद, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम, विजय चौधरी उर्फ उस्मान आदि लोग बरेली जेल पहुंचे। इसके बाद उमेश की हत्या की पूरी प्लानिंग तैयार हुई। असद को भी कार से जाना था, लेकिन गाड़ी से उतरना नहीं था। यह सुनते ही असद भड़क गया। उसने अशरफ से कहा कि वह खुद उमेश के सीने पर गोली मारेगा।
अशरफ ने उसे समझा बुझाकर शांत किया। कहा कि उसे कार से नहीं उतरना है। यहीं पर प्लानिंग बनी कि असद के मोबाइल और एटीएम कार्ड का उस दिन लखनऊ में प्रयोग किया जाएगा, ताकि वह इस मामले से बच निकले।
असद ने चाचा की बात पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन उसने मन में सोच लिया था कि उमेश को गोली वह खुद ही मारेगा। 24 फरवरी की शाम जब उमेश के घर पर हमला किया गया तो कार में बैठा असद बाहर निकल आया। उमेश को उसने कई गोलियां मारीं। उमेश को दौड़ाते हुए वह अंदर तक गया। अंत में उसने उमेश के सीने पर गोली मार दी थी।