इंदौर :भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला इंदौर के होलकर स्टेडियम में खेला जा रहा है। मैच के पहले दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में चार विकेट पर 156 रन बना लिए हैं। भारतीय टीम पहली पारी में 109 रन पर सिमट गई थी। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के पास फिलहाल 47 रन की बढ़त है। मैच के दूसरे दिन ऑस्ट्रेलिया की बढ़त और ज्यादा होगी। अगर पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया को 100 रन से ज्यादा की बढ़त मिलती है तो भारतीय टीम मैच हार सकती है। आइए जानते हैं, मैच में पहले दिन क्या हुआ और भारतीय टीम कैसे अपने ही घर में पिछड़ गई।
भारत की पारी में क्या हुआ?
भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। रोहित और गिल की जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 27 रन जोड़े। कप्तान रोहित बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में 12 रन के स्कोर पर स्टंप आउट हो गए। इसके बाद विकेटों की झड़ी लग गई। गिल 21, पुजारा एक और कोहली 22 रन बनाकर आउट हुए। श्रेयस खाता भी नहीं खोल पाए। भरत ने 17 और अक्षर ने 12 रन की पारी खेल भारत को थोड़ी बेहतर स्थिति में पहुंचाया। अश्विन तीन रन बनाकर आउट हुए और उमेश ने 17 रन की पारी खेल भारत का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया। सिराज खाता खोले बिना ही रन आउट हो गए और भारतीय पारी 109 रन पर सिमट गई।
ऑस्ट्रेलिया का अच्छा प्रदर्शन
इसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया का पहला विकेट 12 रन पर गिर गया था। रवींद्र जडेजा ने ट्रेविस हेड को विकेटों के सामने फंसा कर भारत को पहली सफलता दिलाई थी। हालांकि, इसके बाद ख्वाजा और लाबुशेन ने 96 रन की साझेदारी कर ऑस्ट्रेलिया को मैच में काफी आगे कर दिया। लाबुशेन 31 और ख्वाजा 60 रन बनाकर आउट हुए। कप्तान स्मिथ ने 26 रन बनाए। पीटर हैंड्सकॉम्ब सात और कैमरून ग्रीन छह रन बनाकर क्रीज पर हैं। पहली पारी के आधार पर ऑस्ट्रेलिया को 47 रन की बढ़त मिल चुकी है। भारत के लिए सभी चार विकेट रवींद्र जडेजा ने लिए हैं।
अपने ही जाल में फंसा भारत
इस सीरीज के शुरुआती दो मुकाबलों में भारत ने स्पिन पिच में शानदार प्रदर्शन किया था। दोनों मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ विकेट गंवाए थे। दोनों मुकाबलों में ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी लगभग एक सत्र में सिमटी थी और भारत ने आसानी से दोनों मैच अपने नाम किए थे। हालांकि, इस मैच में भारतीय टीम अपने ही जाल में फंस गई। भारत ने पहले दिन के पहले सत्र में ही सात विकेट गंवा दिए और भारत की पहली पारी 109 रन पर सिमट गई। यहीं से टीम इंडिया मैच में पीछे हो गई।
जडेजा की नो गेंद पड़ी भारी
रवींद्र जडेजा ने इस मैच में ट्रेविस हेड को आउट कर भारत को पहली सफलता दिलाई थी। इसके बाद उन्होंने मार्नस लाबुशेन को भी खाता खोले बिना ही आउट कर दिया था। हालांकि, यह नो गेंद रही और लाबुशेन क्रीज पर बने रहे। उन्होंने ख्वाजा के साथ 96 रन की साझेदारी कर ऑस्ट्रेलिया को मैच में काफी आगे कर दिया। जडेजा स्पिन गेंदबाज होने के बावजूद अक्सर नो गेंद करते हैं। वह 2016 टी20 विश्व कप में भी नो गेंद कर आलोचना झेल चुके हैं। इस सीरीज में भी उन्होंने विकेट लिया था, लेकिन नो गेंद हो गई थी। हालांकि, भारत मैच जीत गया था और इस पर बवाल नहीं हुआ था, लेकिन इस मैच में उनकी नो गेंद टीम पर बहुत भारी पड़ी है।
डीआरएस का खराब इस्तेमाल
भारतीय टीम ने इस मैच में डीआरएस का बहुत खराब इस्तेमाल किया। रोहित शर्मा ने लगातार खराब रिव्यू लिए और भारत ने दो रिव्यू बहुत जल्दी गंवा दिए थे। इसके बाद उन्होंने सही मौके पर रिव्यू नहीं लिया और लाबुशेन बच गए। इस समय वह सात रन पर थे और ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 38 रन था। लाबुशेन ने कुल 31 रन बनाए और मैच ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में ले गए। अगर 38 रन पर ऑस्ट्रेलिया का दूसरा विकेट गिरता तो मैच के पहले दिन ही ऑस्ट्रेलियाई टीम सिमट सकती थी और बड़ी बढ़त लेने से चूक सकती थी।