मध्यप्रदेश में बारिश से जनजीवन प्रभावित, आकाशीय बिजली गिरने से पिछले 42 दिनों में 71 लोगों की मौत

भोपाल मध्यप्रदेश

भोपाल। मध्य प्रदेश में जारी बारिश ने कई इलाकों के आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है, निचली बस्तियों में पानी भर गया है और नदी नाले उफान पर हैं, जिससे लोगों को बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. प्रदेश में इस बार सबसे ज्यादा मौतें आकाशीय बिजली गिरने से हुई है. मॉनसून सीजन में 42 दिन में 71 लोगों की मौत हो चुकी है.

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एमपी में भारी बारिश ने जन जीनव अस्त-व्यस्त

24 घंटे में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 11 लोगों की मौत: 11 लोगों की मौत बीते 24 घंटे में हुई है. भारी बारिश से 226 जानवरों की भी मौत हुई और 58 मकान ढह गए हैं. सरकार नुकसान को लेकर मुआवजा नियमों के तहत क्षतिपूर्ति के लिए जुट गई है. बारिश के हालात को देखते हुए सरकार ने सभी जिलों के कलेक्टरों को अलर्ट किया है.

आपदा प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा : प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने आपदा प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा की है. राज्य के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने स्टेट डिजास्टर, इमरजेंसी रिस्पांस फोर्स और होमगार्ड के प्रबंधन कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि “आपात स्थिति में पूरा सिस्टम बेहतर तरीके से कार्य करना सुनिश्चित करें, ताकि लोगों को सही समय पर तत्परता से आवश्यक मदद मिले. आधुनिक टेक्नोलॉजी का अधिकतम उपयोग आपात स्थिति में लोगों की जान-माल की सुरक्षा में करें”.

दो टोल फ्री नंबर 1070 और 1079 जारी किये गये: आपदाओं से निपटने के लिये राज्य स्तरीय आपदा नियंत्रण कक्ष में आठ-आठ घंटों की तीन शिफ्ट में कार्य किया जा रहा है. प्रदेश स्तर से दो टोल फ्री नंबर 1070 और 1079 जारी किये गये हैं, जिन पर आपदा की स्थिति में सूचना दी जा सकती है. इसके अतिरिक्त 7648861040, 7648861050, 7648861060 और 7648861080 पर भी सूचना दी जा सकती है.

96 क्विक रिस्पांस टीम के साथ 280 डिजास्टर रिस्पांस सेन्टर का गठन: होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन सेवाओं के महानिदेशक पवन कुमार जैन ने बताया कि -“प्रदेश के सभी जिलों के आपदा संभावित क्षेत्रों की संवेदनशीलता को देखते हुए 280 डिजास्टर रिस्पांस सेन्टर का गठन किया गया है. सभी जिला होमगार्ड मुख्यालयों सहित प्रदेश में कुल 96 क्विक रिस्पांस टीम गठित की गई हैं. इसके अतिरिक्त 19 रिजर्व टीमें भी रखी गई हैं. इनमें जबलपुर और भोपाल में पांच-पांच, इंदौर, ग्वालियर में दो-दो, उज्जैन, रीवा, सागर, शहडोल और नर्मदापुरम में एक-एक रिजर्व टीम रखी गई है. सभी जिला मुख्यालयों पर इमरजेंसी आपरेशन सेन्टर स्थापित भी किये गये हैं”.

276 रेस्क्यू बोट, 98 इंफ्लाटेबल रबर बोट रेडी: बाढ़ और बचाव के लिये 276 रेस्क्यू बोट, 98 इंफ्लाटेबल रबर बोट, 231 आउट बोट मोटर, 3,218 लाइफ बॉय रिंग और 6,130 लाइफ जैकेट का बंदोबस्त किया गया है. संभागीय एवं जिला स्तर पर ड्रोन सेवा प्रदाता एजेंसियों से ड्रोन की सेवाएं लेने के निर्देश दिये गये हैं.

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