एक्सप्रेस-वे मध्यप्रदेश के 144 गांवों से होकर गुजरेगा.

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रतलाम. जिले से निर्मित हो रहे एक्सप्रेस वे, दिल्ली-मुबंई 8 लेन के निर्माण में तेजी आ गई है, हर दिन फर्म के माध्यम से 1.05 किमी तक सडक़ बनाई जा रही है, इससे एक्सप्रेस-वे का कार्य दिसंबर 2022 से पूर्व पूरा होने का अनुमान है, अगर यह समय पर पूर्ण होता है तो वर्ष 2023 में रतलाम जिले के लिए कई तरह के लाभ मिल सकते हैं।

प्रदेश के तीन जिलों रतलाम, मंदसौर और झाबुआ से गुजर रहे देश के सबसे लंबे (1389 किमी) एक्सप्रेस-वे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का काम 80 प्रतिशत से ज्यादा पूरा हो चुका है। तीनों जिलों में (झाबुआ में 50.5 किमी, रतलाम में 91.1 किमी और मंदसौर में 102.8 किमी) एक्सप्रेस-वे की लंबाई करीब 244 किमी है। अगले छह माह के भीतर इस एक्सप्रेस-वे पर वाहन फर्राटा भरते नजर आएंगे। यह एक्सप्रेस-वे उज्जैन, देवास, इंदौर और गरोठ को भी जोड़ेगा। एक्सप्रेस-वे देश के छह राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र को सीधे जोड़ेगा। मंदसौर जिले के गरोठ के पास एक जंक्शन तैयार किया जा रहा है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में लोकसभा में बताया है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे दिसंबर 2022 तक पूरा हो जाएगा।

250 किमी है इसकी लंबाई,

मध्य प्रदेश में एक्सप्रेसवे लंबाई 250 किमी है जिसमें से 125 किमी का काम पूरा हो चुका है। बाकी सड़क का निर्माण कार्य पूरा नवंबर 2022 तक पूरा किया जाना है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे वडोदरा से मध्य प्रदेश के मेघनगर से लगी अनास नदी के पास से प्रदेश में एंट्री लेगा। फिर थांदला, सैलाना, खेजडिय़ा, शामगढ़, गरोठ, भवानीमंडी, कोटा होकर दिल्ली पहुंचेगा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का रतलाम जिले से 90 किलोमीटर का हिस्सा गुजर रहा है। इसका 91 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। 8 लेन रोड में प्रवेश के पहले लगने वाले टोल के लिए टोल प्लाजा बन रहे हैं। धामनोद और नामली के पास टोल बूथ बनना भी शुरू हो गए हैं। माना जा रहा है कि अगले चार महीने में टोल बूथ पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएंगे।


इतना लंबा होगा यह

दिल्ली -मुंबई एक्सप्रेस-वे 1380 किलोमीटर लंबा होगा। अधिकारियों के मुताबिक, 31 मार्च 2023 तक निर्माण पूरा करने की डेडलाइन तय की गई है। इसमें करीब 1 लाख करोड़ रुपये का खर्च हो रहा है। एक्सप्रेस-वे बनने के बाद 12 घंटे में दिल्ली से मुंबई पहुंचा जा सकेगा। यह हाईवे 6 राज्यों को जोडऩे का काम करेगा। इससे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र कनेक्ट होंगे।90 प्रतिशत हिस्सा रतलाम से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का 90 किलोमीटर का हिस्सा मध्य प्रदेश के रतलाम जिले से गुजर रहा है। यह जिले के 87 गांवों से होकर गुजर रहा है। इसमें रतलाम ग्रामीण के 19, पिपलौदा के 3, जावरा के 24, रावटी के 16 और सैलाना के 25 गांव शामिल हैं। इस पूरे रूट में 266 पुल-पुलिया बनाए जा रहे है। जिसमें से 240 का काम पूरा किया जा चुका है। 8 लेन रोड पर जहां पुलिया तैयार हो गई हैं, वहां धामनोद, ईसरथुनी, पलसोड़ी सहित अन्य गांवों में 90 में से 75 किमी रोड का काम पूरा कर लिया गया है।144 गांवों से गुजरेगाएक्सप्रेस-वे मध्यप्रदेश के 144 गांवों से होकर गुजरेगा. रतलाम का शहर जावरा ही एक ऐसा स्थान है, जो मुख्य रूप से इस एक्सप्रेस-वे को जोड़ता है। आने वाले दिनों में एबी रोड इंदौर तक का ट्रैफिक यहीं से एक्सप्रेस-वे पर पहुंचेगा. इतना ही नहीं मंदसौर, नीमच जिले के साथ ही राजस्थान रूट के वाहन भी इसी इंट्री पाइंट से एक्सप्रेस-वे का उपयोग करेंगे। एक्सप्रेस-वे के मध्य प्रदेश के हिस्से में जो फोरलेन सड़क बनेगी, वह गरोठ से उज्जैन जाएगी। इससे लोग दो घंटे में इंदौर पहुंच जाएंगे। गरोठ से उज्जैन तक 135 किमी की सड़क बनेगी। इसके बाद उज्जैन से इंदौर तक बनने वाली सड़क की लंबाई 54 किमी होगी। यह सड़क गरोठ, उज्जैन और इंदौर के अलावा देवास, बडऩगर और बदनावर को भी कनेक्ट करेगी।

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