हिमाचल प्रदेश में फरवरी के पांच दिनों में सामान्य से 409 फीसदी अधिक बादल बरसे हैं। सिरमौर में सबसे अधिक 1341 फीसदी और किन्नौर में सबसे कम 72 फीसदी बारिश हुई है। 1 से 5 फरवरी तक 11.4 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है। इस वर्ष इस अवधि के दौरान पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से 58 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई है। उधर, हिमाचल प्रदेश में 1 जनवरी से 5 फरवरी तक सामान्य से 33 फीसदी कम बारिश हुई है। 1 से 31 जनवरी तक सामान्य से 93 फीसदी कम बादल बरसे थे। 30 जनवरी तक सामान्य से 99 फीसदी कम बारिश दर्ज हुई थी। फरवरी के दौरान प्रदेश के सभी क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। इस दौरान जिला बिलासपुर में सामान्य से 836 फीसदी, चंबा में 179, हमीरपुर में 1325, कांगड़ा में 535, कुल्लू में 789, लाहौल-स्पीति में 197, मंडी में 1220, शिमला में 821, सोलन में 1139 और ऊना में 651 फीसदी अधिक बारिश दर्ज हुई।
उधर,1 जनवरी से 5 फरवरी तक प्रदेश में 64.9 मिलीमीटर बारिश हुई। इस अवधि में 96.7 फीसदी बारिश को सामान्य माना गया है। एक जनवरी से पांच फरवरी तक बिलासपुर, हमीरपुर, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर और सोलन में सामान्य से अधिक बादल बरसे। शेष जिलों चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, लाहौल-स्पीति और ऊना में सामान्य से कम बारिश हुई। बिलासपुर में सामान्य से 24 फीसदी, हमीरपुर में 37, कुल्लू में सात, मंडी में 39, शिमला में पांच, सिरमौर में 28 और सोलन में 26 फीसदी अधिक बारिश दर्ज हुई। उधर, चंबा में सामान्य से 53 फीसदी, कांगड़ा में 16, किन्नौर में 76, लाहौल-स्पीति में 57 और ऊना में पांच फीसदी कम बारिश दर्ज हुई।
आने वाले दिनों में ऐसा रहेगा मौसम
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से आज भी प्रदेश के कई भागों में बारिश-बर्फबारी की संभावना जताई गई है। 6 से 11 फरवरी तक राज्य में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान में उल्लेखनीय गिरावट आई है। औसत अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे दर्ज किया गया। मौसम खुलने से किसान-बागवान भी खेतों और बगीचों में काम कर सकेंगे। चोटियों पर कई फुट बर्फबारी से ग्लेशियरों को भी संजीवनी मिल गई है। जनजातीय जिला किन्नौर के निगुलसरी में रविवार को पहाड़ी से भूस्खलन होने से यातायात व्यवस्था ठप पड़ गई है।