ब्रिटिश पीएम जॉनसन ने साबरमती आश्रम में चलाया चरखा

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अहमदाबाद : भारत यात्रा आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अहमदाबाद के साबरमती आश्रम पहुंचे, यहां उन्होंने चरखा चलाया. इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल मौजूद रहे. बोरिस जॉनसन को साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी की शिष्या बनी मेडेलीन स्लेड उर्फ मीराबेन की आत्मकथा ‘द स्पिरिट्स पिलग्रिमेज’ और ‘गाइड टू लंदन’ पुस्तक उपहार में दी गई. मेडेलीन स्लेड ब्रिटिश रियर-एडमिरल सर एडमंड स्लेड की बेटी थीं.

इससे पहले, गुरुवार सुबह अहमदाबाद पहुंचे ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का भव्य स्वागत हुआ. शहर में हवाईअड्डे से एक होटल तक चार किलोमीटर के रास्ते पर उनका भव्य स्वागत किया गया. अहमदाबाद हवाईअड्डे पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने जॉनसन की अगवानी की. उनके स्वागत के लिए राज्य के वरिष्ठ अधिकारी और मंत्री भी मौजूद रहे. हवाईअड्डे और सड़क पर पारंपरिक गुजराती नृत्य और संगीत मंडलियों ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री का स्वागत किया. यह ‘रोडशो’ हवाईअड्डे के बाहर से शुरू हुआ और दफनाला तथा रिवरफ्रंट से होते हुए आश्रम रोड से गुजरा.

यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अहमदाबाद के साबरमती आश्रम पहुंचे। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल मौजूद रहें।

एअरपोर्ट सर्किल से आश्रम रोड पर पांच सितारा होटल तक के चार किलोमीटर के रास्ते पर नियमित अंतराल पर 40 मंच बनाए गए थे, जहां मंडलियां जॉनसन के स्वागत में पारंपरिक भारतीय नृत्य पेश कर रही थीं. सूत्रों ने बताया कि गुजरात की एक दिन की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री जॉनसन का राज्य के प्रमुख कारोबारियों के साथ बैठक का कार्यक्रम है. गुजरात सरकार की एक विज्ञप्ति के अनुसार, इसके बाद वह पंचमहल जिले में हलोल के समीप ब्रिटिश निर्माण उपकरण कंपनी जेसीबी की विनिर्माण ईकाई के लिए रवाना होंगे. फिर वह गांधीनगर में निर्माणाधीन गुजरात बायोटेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के परिसर का दौरा करेंगे. यह विश्वविद्यालय ब्रिटेन के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के सहयोग से बनाया जा रहा है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री गुजरात की अपनी यात्रा समाप्त करने और नई दिल्ली रवाना होने से पहले गांधीनगर में स्वामीनारायण पंथ के प्रसिद्ध अक्षरधाम मंदिर जाएंगे.

बोरिस जॉनसन का शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया जाएगा, इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी वार्ता होगी. यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की पृष्ठभूमि में दोनों की मुलाकात महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अब तक रूस को संघर्ष विराम के लिए मनाने में विफल रहा है. ब्रिटिश उच्चायोग के अनुसार, जॉनसन भारत यात्रा के दौरान इस साल की शुरुआत में शुरू की गई मुक्त व्यापार समझौते (FTA) वार्ता में प्रगति पर चर्चा करेंगे. जॉनसन भारत के विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर से भी मुलाकात करेंगे.

बता दें कि कोरोना के कारण ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की भारत यात्रा पहले दो बार कैंसल हो चुकी है. ​भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच राजनयिक और व्यापारिक संबंधों को पुराना इतिहास रहा है. 2021 में भारत-यूके वर्चुअल शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसमें दोनों देशों के बीच कारोबार बढ़ाने के लिए रणनीतिक साझेदारी करने पर सहमति हुई थी. पीएम मोदी और बोरिस जॉनसन 2030 तक के रोडमैप की समीक्षा भी करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, उनकी बैठक भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर भी चर्चा होगी. बता दें कि दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच इससे पहले मार्च में टेलीफोन के जरिये बातचीत हुई थी.

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