नये साल में पहली बार आज सोने के दाम ने पार किया 50 हजार, चांदी के भाव में भी तेजी

व्यापार

भोपाल। नए साल के चौथे हफ्ते में सोने-चांदी के दामों में एक साथ उछाल देखने को मिला है. गुरुवार को सोना 320 रुपये प्रति 10 ग्राम महंगा हो गया है और चांदी भी 300 रुपये प्रति किलो महंगी हो गई है. बाजार के विशेषज्ञ इस महंगाई को शादी-विवाह के मौसम से भी जोड़कर देख रहे हैं, क्योंकि 14 जनवरी के बाद से शादी-विवाह के आयोजन फिर से शुरू हो गये हैं.

सोना-चांदी हुआ महंगा
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरुवार को 24 कैरेट सोने के दाम में 320 रुपये का उछाल के देखा गया, जिसके बाद सोने की कीमत 50,270 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई है. जबकि, बुधवार को यही सोना 49,950 रुपये प्रति 10 ग्राम के हिसाब से बिक रहा था. वहीं चांदी आज 300 रुपये महंगी हो गई है और 66,160 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है, जबकि बुधवार को चांदी 65,860 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही थी.

कैसे तय होती है सोने की कीमत ?
ज्यादातर सोने की ज्वेलरी 22 कैरेट में बनती है. इसी के आधार पर ज्वैलरी की कीमत भी तय होती है. गोल्ड ज्वेलरी की कीमत सोने की बाजार कीमत के साथ-साथ सोने की शुद्धता, मेकिंग चार्ज, सोने का वजन और जीएसटी के आधार पर तय होती है. गहने की कीमत = एक ग्राम सोने की कीमत x सोने के गहने का वजन + मेकिंग चार्ज प्रति ग्राम + जीएसटी के आधार पर निकाली जाती है. सोने की ज्वैलरी खरीदने पर इसकी कीमत और मेकिंग चार्ज पर 3 फीसदी का गुड्स एंड सर्विस टैक्स लगता है.

मिस्ड कॉल से जानें भाव
22 कैरेट और 18 कैरेट गोल्ड ज्वेलरी के खुदरा रेट जानने के लिए 8955664433 पर मिस्ड कॉल दे सकते हैं. कुछ ही देर में एसएमएस के जरिए रेट्स मिल जाएंगे. इसके अलावा लगातार अपडेट्स की जानकारी के लिए www.ibja.co पर देख सकते हैं.

येलो गोल्ड की शुद्धता की पहचान ऐसे करें
24 कैरेट सोना सबसे शुद्ध होता है. आम तौर पर ज्वेलरी बनाने के लिए 22 कैरेट सोने का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें 91.66 फीसदी सोना होता है. अगर आप 22 कैरेट सोने की ज्वेलरी लेते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि इसमें 22 कैरेट गोल्ड के साथ 2 कैरेट कोई और मेटल मिक्स किया गया है. ज्वेलरी में शुद्धता को लेकर हॉलमार्क से जुड़े 5 तरह के निशान होते हैं, और ये निशान ज्वेलरी में होते हैं.

हॉलमार्क पर दें ध्यान
गहने खरीदते समय हॉलमार्क का विशेष ध्यान रखें. हॉलमार्किंग से इस बात की गारंटी होती है कि जो सामान दुकानदार ने ग्राहक को बेचा है, वह उतने ही कैरेट का है, जितना आभूषण पर लिखा है. हॉलमार्किंग भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम के तहत होती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *