भाजपा-शिवसेना के साथ आने की अटकलें फिर तेज

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी को अपना पूर्व और भावी मित्र कहा है। इसके बाद भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा है कि शिवसेना को यह एहसास हो चुका है कि वो गलत पक्ष के साथ है। इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों पार्टियों के बीच नजदीकी बढ़ रही है और महाराष्ट्र की राजनीति में फिर कोई बदलाव हो सकता है। हालांकि बाद में शिवसेना ने इसे सिर्फ एक मजाक कहकर टाल दिया। दरअसल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे औरंगाबाद में एक कार्यक्रम में शामिल हुए, जहां भाजपा नेता रावसाहेब दानवे के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, “मेरे पूर्व मित्र और अगर हम फिर से एक साथ आते हैं, तो भविष्य के दोस्त।” यहीं से पूरा मामला शुरू हुआ था।

उद्धव ने यह बयान देने के बाद अपने भाषण में यह साफ कर दिया कि यह सिर्फ एक मजाक था, हालांकि भाजपा ने इसे गंभीरता से लिया और फडणवीस ने कहा कि उन्हें यह एहसास हो चुका है कि वो गलत पक्ष के साथ हैं। वहीं फडणवीस ने भी कहा कि फिलहाल पार्टी चुनाव के बारे में नहीं सोच रही है और विपक्ष के रूप में राज्य के हित में काम कर रही है।

पहले भी साथ रह चुके हैं भाजपा और शिवसेना

महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना साथ मिलकर पहले भी सरकार चला चुके हैं। हालांकि 2019 में चुनाव नतीजे सामने आने के बाद दोनों पार्टियों में सहमति नहीं बनी और शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली। दरअसल भाजपा और शिवसेना ने यह चुनाव गठबंधन में लड़ा था और चुनाव जीतने के बाद शिवसेना ने कहा था कि वह केवल 50:50 के फॉर्मूले को स्वीकार करेगी, जबकि बीजेपी ने इसे अस्वीकार कर दिया था। कथित तौर पर भाजपा अपने लिए 26 और शिवसेना को 13 कैबिनेट विभागों देना चाहती थी, जबकि शिवसेना कैबिनेट में बराबरी के साथ ही 2.5 साल के लिए मुख्यमंत्री पद भी मांग रही थी।

फडणवीस ने ठुकराया था ऑफर

भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह ऑफर यह कहते हुए ठुकरा दिया था, कि अगली सरकार बीजेपी के मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बनेगी। इसके बाद भाजपा ने अजीत पवार के साथ मिलकर अपनी सरकार बनाने का दावा किया, लेकिन बाद में उन्हें बहुमत नहीं मिला और भाजपा की सरकार गिर गई। फडणवीस ने महाराष्ट्र के सीएम के रूप में शपथ लेने के महज 72 घंटे बाद इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद शिवसेना ने एनसीपी-कांग्रेस (के साथ महा विकास अघाड़ी गठबंधन में सरकार बना ली। उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर, 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

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