एमपी :लोगों में दहशत का माहौल, निमाड़ में पिछले दो-तीन दिनों से लगातार भूकंपन और भूगर्भीय हलचल

Uncategorized प्रदेश

बड़वानी। जिले के अंजड़ क्षेत्र में पिछले दो-तीन दिनों से लगातार भूकंपन और भूगर्भीय हलचलें हो रही हैं। पहले तो लोगों ने इसे सामान्य घटना माना लेकिन जब भूकंपन बढऩे लगा तो लोगों में इससे दहशत का माहौल पैदा हो गया है। अंजड़ क्षेत्र के ग्राम बिल्वारोड़, साकड़, भमोरी, राजुगांधी नगर, टाडा, उमरिया, हरिबड और सुराना में भूकंप के झटके महसूस होने के बाद लोगों की नींद उड़ गई है। भूकंपन के कारण तरह-तरह बातें भी क्षेत्र में चल रही है, इससे लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ हैं। भूकंपन के झटकों की खबर आने के बाद प्रशासन भी हरकत में आ गया है। प्रशासनिक अमले ने प्रभावित गांवों का निरीक्षण किया और वहां के लोगों से हालात की जानकारी ली। भूकंपन की तीव्रता जिला मुख्यालय स्थित भूकंप वैद्य शाला के रिक्टर स्केल पर भी दर्ज की गई है। शहर के एकलव्य स्कूल मैदान के पीछे स्थित भूकंप वैद्य शाला के रिक्टर स्केल पर भूकंपन की माइनर तीव्रता दर्ज की गई है। पिछले दो दिनों में हुई भूगर्भीय हलचल की लकीरें यहां के स्केल पर साफ दिखाई दे रही है। इससे प्रशासन भी सतर्क बना हुआ है। ग्रामीणों में दहशत का माहौल… भूकंपन से प्रभावित गांवों के लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। कई स्थानों पर झटकों से मकानों में बर्तन गिरे हैं। वहीं कई जगहों पर खेतों में भी दरारें आ गई है। इससे लोगों का घरों में रहना भी मुश्किल हो गया है। जिन गांवों में भूकंपन के झटके और आवाजें सुनी गई हैं, वहां लोग कई तरह के कयास लगा रहे हैं। कई लोग तो भूकंपन के बाद अपने मकानों से निकलकर रोड पर ही ज्यादा समय गुजार रहे हैं। वहीं इस संबंध में ग्रामीणों ने सीएम हेल्पलाइन पर भी घटना की जानकारी दे दी हैं। घटना की जानकारी मिलने के बाद एसडीएम और पटवारी ने भी गांवों में जाकर निरीक्षण किया और कोई भी घटना होने पर तुरंत प्रशासन को इसकी जानकारी देने की बात कही है। नर्मदा सोन लिनामेंट पर खडे किए हैं बांध… भूकंपन की खबरों के बाद नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर ने बताया कि ये तो पहले ही जानकारी है। नर्मदा घाटी में जो बांध बने हैं वे सोन नर्मदा लिनामेंट पर बने हैं। सरदार सरोवर का तो सात बार स्थान बदलकर स्थान तय किया है। सरदार सरोवर को पु ता को बनाने के लिए दो दस लक्ष टन सीमेंट और इतना ही सरिया लेकर इसे मजबूत किया है। यहां के सिस्मोग्राफ सेंटर का पूरा डेटा गांधी नगर गुजरात जा रहा है। यहां उन्हें कोई मॉनिटर ही नहीं कर रहा है। यहां के सिस्मोग्राफ सेंटर बंद पडे हुए हैं। 3 रिक्टर स्केल के भूकंप आते हैं तो उसे कोई देख नहीं रहा है। इनकी इन्टेसिटी और फ्रीक्वेंंसी दोनों को देखना जरूरी है। नर्मदा पर बने बांधों के कारण क्षेत्र में भूकंप का खतरा बहुत अधिक बढ़ गया है। मप्र की जनता को अंधेरे में रखा गया है। कच्छ में जो भूकंप आया था, वहां का सेंटर भी सरदार सरोवर था। नर्मदा पूरे पृथ्वी के केंद्र में है। इससे नर्मदा घाटी ही नहीं पूरी धरती पर खतरा बना हुआ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *