छत्तीसगढ़ में कौन-कौन से 4 नए जिले बने, क्या है सस्ती दवा योजना?

छत्तीसगढ़ रायपुर

रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राज्य में चार नए जिलों तथा 18 नई तहसीलों के गठन की घोषणा की है. नए जिलों के गठन के बाद राज्य में अब 32 जिले होंगे. मुख्यमंत्री बघेल ने रविवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के पुलिस परेड मैदान में आयोजित मुख्य समारोह में ध्वजारोहण किया. बघेल ने ध्वजारोहण के बाद राज्य की जनता के नाम दिए गए अपने संदेश में 4 नए जिलों और 18 तहसीलों के गठन का ऐलान किया. स्वतंत्रता दिवस समारोह में प्रदेश के डॉक्टरों, पुलिसवालों, स्वास्थ्य कर्मियों, स्वच्छता कर्मियों, जनहित के कार्य करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को भी सम्मानित किया गया. यहां पढ़ें मुख्यमंत्री के जनता का नाम दिए गए संदेश की 10 प्रमुख बातें.
सीएम बघेल के संदेश की 10 प्रमुख बातें

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन की सुविधाओं को जनता के निकट लाना सरकार का प्रमुख लक्ष्य है, इसलिए मैंने मुख्यमंत्री बनने के आठ माह के भीतर 15 अगस्त 2019 को ‘गौरेला- पेण्ड्रा-मरवाही’ जिला बनाने की घोषणा की थी. आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 4 नए जिलों मोहला-मानपुर, सक्ती, सारंगढ़-बिलाईगढ़ और मनेन्द्रगढ़ के गठन की घोषणा करता हूं. इसके साथ ही प्रदेश में 18 नई तहसीलों का भी गठन किया जाएगा.
राज्य के महाविद्यालयों में स्नातक तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयु-सीमा का बंधन है. आज मैं उच्च शिक्षा के लिए आगे बढ़ने वाले युवाओं के हित में आयु-सीमा के इस बंधन को समाप्त करने की घोषणा करता हूं.
भारत में सामाजिक सौहार्द, नागरिकों के बीच एकता और देश की अखण्डता को बचाए रखने के लिए भी अनेक सपूतों ने कुर्बानी दी. उत्तर प्रदेश में गणेश शंकर विद्यार्थी शहीद हुए थे, उन्हीं मूल्यों और सिद्धांतों के लिए. महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी भी शहीद हुए. शहादत की यह परंपरा इतनी विस्तृत है कि हर प्रदेश में, ऐसी हस्तियों की यादें समाई हुई हैं, जिन्हें सिर्फ आज के दिन ही नहीं बल्कि हर दिन याद करने और उनके बताए रास्ते पर चलने की जरूरत है. देश की सीमाओं की चौकसी करने वाले सैनिकों और देश के भीतर सुरक्षा बलों में काम कर रहे लाखों जवानों को भी मैं नमन करता हूं, मोर्चों पर जिनकी मौजूदगी से हम सुरक्षित महसूस करते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक विडम्बना ही है कि देश की आजादी के 75वें साल का उत्सव मनाते वक्त भी हमें कहीं न कहीं उन प्रवृत्तियों, उन प्रतिक्रियावादी ताकतों का मुकाबला करना पड़ रहा है, जो 1947 के समय उभार पर थीं. शांति, अहिंसा और साम्प्रदायिक सद्भाव की बुनियाद को कमजोर करने वाली ताकतों का पोषण कहां से होता है, यह बात समझना भी हमारी आजादी के मूल्यों को समझने के समान होगा.
छत्तीसगढ़ में बरसों से लंबित समस्याओं का हल इन पौने तीन वर्षों में हुआ है और अब प्रदेश की फ़िजा में हर ओर विकास के नए रंग उभरने लगे हैं. विरासत में मिली नक्सलवाद की समस्या पर अंकुश लगाने में मिल रही सफलता उत्साहवर्धक है. ‘बस्तर फाइटर्स’ बटालियन के तहत 2800 नए पदों पर भर्ती की जाएगी. नक्सल प्रभावित जिलों में 63 सुदृढ़ पुलिस थाना भवनों का निर्माण किया जा रहा है. पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए कार्ययोजना मंजूर की गई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले ढाई वर्षों में राज्य में 18 हजार 492 करोड़ रुपए के पूंजीनिवेश से 1145 नए उद्योग स्थापित हुए हैं और 28000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है. वृहद उद्योगों में 51 हजार करोड़ रुपए से अधिक पूंजीनिवेश करने के लिए समझौते भी हुए हैं, जिनमें लगभग 72 हजार स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलना प्रस्तावित है. विभिन्न उपायों से बेरोजगारी दर को 22 प्रतिशत से घटाकर तीन प्रतिशत तक लाने में सफलता मिली है. यह एक स्वतंत्र एजेंसी का आकलन है.
राज्य की बिजली कंपनियों में विभिन्न पदों पर 2500 से अधिक कर्मियों की भर्ती की जा रही है. जिसमें जूनियर इंजीनियर से लेकर मैदानी स्तर पर काम करने वाले लाइन अटेंडेंट के पद शामिल हैं. छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद बिजली कंपनी में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में नियमित भर्ती हो रही है, जिनमें छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को नियुक्ति दी जाएगी.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि डायल 112 सेवा की उपयोगिता को देखते हुए इसका विस्तार अब पूरे राज्य में किया जाएगा.
राज्य की जनता को रियायती दर पर दवा उपलब्ध कराने के लिए ‘मुख्यमंत्री सस्ती दवा योजना’ नगरीय क्षेत्रों में लागू है. अब यह ‘श्री धन्वन्तरी योजना’ के नाम से जानी जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार शुरुआत से ही मातृशक्ति को अधिकार और सुविधा सम्पन्न बनाने की रणनीति अपनाई है, जिसके तहत अनेक कदम उठाए गए हैं. इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए मैं घोषणा करता हूं कि सभी जिला मुख्यालयों एवं नगर-निगमों में एक उद्यान सिर्फ महिलाओं के लिए विकसित किया जाएगा, जो ‘मिनीमाता उद्यान’ के नाम से जाना जाएगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *