उज्जैन।
श्रावण मास के आखिरी सोमवार को भगवान महाकाल की सवारी धूमधाम से निकली। भोलेनाथ हाथी पर मनमहेश और चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर के रूप में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकले। सवारी मार्ग को फूलों और रंगोलियों से सजाया गया है। सवारी के आगे आतिशबाजी की जा रही है, राजाधिराज की सवारी में ध्वज और छत्रियां भगवान के राजसी ठाठ को प्रदर्शित कर रही हैं। पालकी को तीन रंगों के फूलों से सजाया गया है।
महाकाल मंदिर से शुरू होकर सवारी बड़ा गणेश मंदिर, हरसिद्धि चौराहा होते हुए झालरिया मठ के रास्ते सिद्ध आश्रम के सामने से होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पहुंचेगी। यहां महाकाल पेढ़ी पर पालकी को विराजित किया जाएगा। पुजारी शिप्रा जल से भगवान का अभिषेक-पूजन करेंगे। पूजन पश्चात सवारी रामानुजकोट, हरसिद्धि की पाल होते हुए हरसिद्धि मंदिर पहुंचेगी। यहां शिव-शक्ति मिलन कराया जाएगा। इसके बाद शाम करीब छह बजे सवारी महाकाल मंदिर पहुंचेगी।