इंदौर :शहर में कोविड-19 से जिन लोगों की मौत हो रही है उन्हें मौत के बाद मोक्ष भी नहीं मिल पा रहा है कारण उनकी अस्थियां महीनों बाद भी श्मशान में ही रखी है परिजन भी उन्हें ले जाने नही आ रहे हैं हालत यह है कि इंदौर के पांच मुक्तिधामों में अस्थियों की 200 बोरियां पड़ी है। इंदौर में कोरोना से मृतकों की संख्या में बीच में तेजी आ गयी थी । शहर के हर मुतिधाम में अंतिम क्रिया देर रात तक भी की जा रही थी .यहा तक की शव दाह के लिए इन मुक्तिधाम में जगह तक नही बची थी ।
लेकिन अब कोविड से संक्रमित मरीजों की मौत के बाद उनके परिजन अस्थि संचय के लिए भी नहीं पहुंच रहे हैं। मुक्तिधामों में बोरियों में अस्थियों को एक जगह से दूसरी जगह रखा जा रहा। शवों को राख को जेसीबी से एकत्रित किया जा रहा है। इंदौर के एक अख़बार में छपी खबर के अनुसार शहर के पांच प्रमुख मुक्तिधामों में 200 बोरियां पड़ी है। कोविड के इस दौर ने मानवीय संवेदनाओं के साथ रिश्ते-नातों को भी ताक पर रखवा दिया है। कोविड से गुजरे व्यक्ति की शवयात्रा तो निकलती ही नहीं है, क्योंकि शव को अस्पतालों से सीधे मुक्तिधाम भेज दिया जाता है। वहां गिनती के ही स्वजन शामिल हो रहे हैं। अब शवों की राख व अस्थियां लेने भी परिजन नहीं आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में नगर निगम के कर्मचारी व मुक्तिधाम के व्यवस्थापक अपने स्तर पर राख का एकत्रीकरण करवा रहे हैं।
रामबाग मुक्तिधाम में काम करने वाले कर्मी का कहना है कि फोन करने के बाद भी कोई नहीं आ रहा है जिसके कारण हम ही राख एकत्रित करवा रहे हैं। कमोबेश यही हाल अन्यं मुक्तिधाम में भी कायम है। पंचकुइया मुक्तिधाम में कोविड से गुजरे व्यक्तियों के शव के दाह संस्कारके बाद राख एकत्रित करने के लिए जेसीबी का इस्तेमाल किया गया।