इंदौर ।
इंदौर से 35 किलोमीटर दूर कुड़ाना गांव के होली चौक पर पसरा सन्नाटा इस बात का गवाह है कि गांव में कुछ ठीक नहीं है। मंत्री हो या कोई विधायक महफिल होली चौक पर ही जमती थी। लेकिन कोरोना ने सब बदल डाला। 40 हजार की जनसंख्या वाले छोटे से गांव में 60 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और 15 की मौत भी हो गई है। इसके बावजूद सरकार और उनके नुमाइंदे उतने चिंतित नहीं दिखते जितना उन्हें होना चाहिए। जांच, उपचार और आइसोलेशन के नाम पर महज खानापूर्ति हो रही है। लोग घरों में आक्सीजन सिलिंडर लगा खुद ही उपचार कर रहे हैं।
ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के सब इंजीनियर मनोहर चौधरी के मुताबिक कुड़ाना ‘हाट स्पाट’ में शामिल है। शुरुआत में गांव में सब सुरक्षित थे लेकिन अचानक संक्रमण ने पैर पसारे और मात्र 12 दिनों में 60 से ज्यादा को संक्रमित कर दिया। चौधरी की कोरोना रोकथाम में ड्यूटी लगी और पंचायत सचिव विनिती गुप्ता, पवन पटेल व जनप्रतिनिधि नितिन पटेल के साथ मिलकर डोर टू डोर जांच कर संक्रमितों की पहचान में लगे हैं। चौधरी के मुताबिक कलेक्टर मनीष सिंह भी दौरा कर चुके हैं। हालातों का जायजा लेने के बाद गांव के हाई स्कूल को आइसोलेशन सेंटर बनाया है।
ड्यूटी डाक्टर तैनात किए और आक्सीमीटर, भाप की मशीन, जरूरी दवाइयों सहित प्रारंभिक उपचार की सारी व्यवस्था की लेकिन ग्रामीण यहां रुकने के लिए तैयार नहीं हैं। कुछ लोगों को समझा बुझाकर आइसोलेशन सेंटर तक तो ले आते हैं लेकिन शाम को घर पहुंच जाते हैं। चौधरी के मुताबिक इसका एक कारण यह भी है कि सब संपन्न लोग हैं। सैकड़ों बीघा जमीन है और ज्यादातर शिक्षक या अन्य किसी शासकीय विभाग में नौकरी करते हैं। बड़े-बड़े घर बने हैं और वह खुद ही आइसोलेट होना पसंद करते हैं। गांव में रहने वाले राजेश कुमार के मुताबिक ग्रामीण लापरवाही भी कर रहे हैं। कई परिवार ऐसे हैं जिनके तीन-तीन सदस्य संक्रमित हैं। अफसर उनके घर लाल पर्चा चस्पा कर चले जाते हैं और संक्रमित सदस्य और उनके स्वजन बगैर मास्क लगाए घूमते रहते हैं। इसी से संक्रमण बढ़ा और मरीज गंभीर स्थिति में पहुंच रहे हैं।
राजेश के मुताबिक ग्रामीण दाह संस्कार में भी कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं। शव को स्नान करवाना, शरीर पर घी मलने जैसी सारी रस्में पूरी करवाते हैं। अंतिम संस्कार में कई लोग शामिल होते हैं और अपने-अपने खेत में दाह संस्कार करवाते हैं। उनका मानना है खेत में दिवंगत स्वजन की याद रहेगी और बाद में चबूतरा या मंदिर बना दिया जाएगा।
पालिया में संक्रमण का खौफ : गांव में पसरा सन्नाट
इंदौर से 18 किलोमीटर दूर स्थित पालिया गांव में दूर-दूर तक सन्नाटा पसरा है। खेतों में काम करते किसान नजर आ जाते हैं, लेकिन न चौक पर कोई ग्रामीण बतियाता दिखाई देता है और न ही घर के बाहर कोई दिखता है। कोरोना संक्रमण का खौफ यहां साफ नजर आता है। इस गांव में भी कोरोना के मामले सामने आने लगे हैं। ऐसे में ग्रामीणों ने खुद को घरों में कैद कर लिया है। ग्रामीण राम चौधरी बताते हैं पहली लहर में तो गांव में कोरोना नहीं फैला था। तब लाकडाउन में भी गांव में चहल-पहल रहती थी, लेकिन इस बार तो किसान भी अपने खेत की सब्जियां गांव में बेचने से डरने लगे हैं। घनी आबादी वाले मोहल्ले भी वीरान पड़े हैं। ऐसा माहौल पहले गांव में कभी नहीं देखा।