इमरान के बाद पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख बाजवा ने भी बढ़ाया दोस्ती का हाथ

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के हुक्मरानों के सुर बदले नजर आ रहे हैं। पहले वहां के पीएम इमरान खान ने और अब पाकिस्तान आर्मी के चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने भारत के साथ दोस्ती की बात की है और दोनों देशों के बीच लंबित हर मुद्दे का समाधान बातचीत से करने की पेशकश की है। जनरल बाजवा ने यह पेशकश इस्लामाबाद में इस्लामाबाद डायलॉग नाम के आयोजन में की जहां देश-विदेश के कई कूटनीतिक विशेषज्ञ व राजदूत उपस्थित थे। जनरल बाजवा की तरफ से पिछले दो महीने में भारत से बातचीत की यह तीसरी पेशकश है। लेकिन इस बार उनका अंदाज ज्यादा स्पष्ट था।

जानें क्‍या हैं इसके मायने

भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले महीने ही नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम की सहमति बनी है। माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधारने के लिए अंदरूनी तौर पर बातचीत जारी है। भारत से रिश्ते सुधारने को लेकर इमरान खान ने भी हाल में दो बार बयान दिया है। दूसरी तरफ, भारत की तरफ से अभी इन बयानों को लेकर राजनीतिक स्तर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई गई है। हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर सकारात्मक प्रतिक्रिया ही दिखाई है।

बातचीत से हल करना चाहते हैं मसला

जनरल बाजवा ने कहा, मुझे यह साफ तौर पर कहने दीजिए कि हम अपने सभी पड़ोसियों के साथ सारे विवादित मुद्दों का समाधान बातचीत से और गरिमापूर्ण तरीके से करना चाहते हैं। हम यह भी स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह विकल्प हम किसी दबाव में नहीं बल्कि तार्किक ढंग से अपना रहे हैं। हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की छवि सुधारने और एक शांतिपूर्ण देश के तौर पर आगे बढ़ने के लिए गंभीर हैं। हमारा नेतृत्व भी यही चाहता है कि हम अतीत को भूल कर एक नए भविष्य की तरफ बढ़ सकें। लेकिन यह दूसरे देशों के व्यवहार पर भी निर्भर करेगा।

भारत-पाक के बीच सामान्‍य रिश्ता बेहद जरूरी

जनरल बाजवा ने भारत व पाकिस्तान के रिश्तों के संदर्भ में कहा कि स्थिर भारत-पाक रिश्ता दक्षिण एशिया और मध्य एशिया की क्षमताओं का पूरी तरह से उपयोग करने के लिए बेहद जरूरी है। यह काम हम दक्षिण और मध्य एशिया में कनेक्टिविटी परियोजनाओं से शुरू कर सकते हैं। लेकिन इस क्षमता का दो परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों के बीच विवाद की वजह से दोहन नहीं हो रहा है। कश्मीर की समस्या निश्चित तौर पर इस समस्या का जड़ है।

बातों को भूल कर आगे बढ़ने का समय

कश्मीर मुद्दे पर जनरल बाजवा ने आगे कहा कि यह समझना आसान है कि शांतिपूर्ण उपायों से कश्मीर समस्या का स्थायी समाधान निकाले बगैर इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने की जो भी कोशिश की जाएगी, उनके राजनीतिक वजहों से असफल होने का खतरा रहेगा। हमें यह लगता है कि बीती बातों को भूल कर आगे बढ़ने का समय है। लेकिन किसी भी शांतिपूर्ण वार्ता के लिए यह जरूरी है कि हमारे पड़ोसी देश को इसके लिए एक सही माहौल तैयार करना होगा, खास तौर पर अधिकृत कश्मीर में।

खराब आर्थिक स्थिति से रुख में बदलाव

यह पहला मौका है जब एक साथ पाकिस्तान सरकार के मुखिया के साथ ही वहां के सेना प्रमुख भी भारत के साथ रिश्तों को बेहतर बनाने की बात कर रहे हैं। जानकारों के मुताबिक पाकिस्तान के रुख में इस बदलाव के लिए उसकी खराब आर्थिक हालात के साथ ही अमेरिका में सत्ता परिवर्तन भी जिम्मेदार है। पाकिस्तान सरकार जो बाइडन प्रशासन के समक्ष यह दिखाना चाहता है कि वह आतंकवाद को लेकर नीति बदलने पर गंभीर है।

अमेरिका की आशंकाओं को दूर करने की कोशिश

भारत के साथ शांति प्रस्ताव की बात कर पाकिस्तान अफगानिस्तान को लेकर भी अमेरिका की आशंकाओं को दूर करने की कोशिश कर रहा है। यह भी उल्लेखनीय तथ्य है कि अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड आस्टिन कुछ ही घंटों बाद भारत आ रहे हैं। यह बाइडन प्रशासन के किसी प्रतिनिधि की पहली भारत यात्रा होगी, जिसमें द्विपक्षीय रिश्तों के साथ ही पूरे एशिया प्रशांत व अफगानिस्तान से जुड़े मुद्दों पर भी बात होगी।

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