भगवान शिव की करें प्रदोष काल में पूजा, करें मंत्रों का जाप

धर्म-कर्म-आस्था

आज 24 जनवरी है और आज माघ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। आज के दिन प्रदोष व्रत किया जाता है। यह व्रत बुधवार को पड़ रहा है ऐसे में इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा का विधान है। मान्यता है कि अगर इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ भगवान शिव की पूजा की जाए तो व्यक्ति को सुख-सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही कुंडली में बुध और चंद्रमा की स्थिति में भी सुधार आता है।

प्रदोष व्रत पर इस तरह करें पूजा:

इस दिन सुबह जल्दी उठ जाएं और सभी नित्यकर्मों से निवृत्त हो स्नानादि कर लें। प्रदोष व्रत की पूजा सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक की जाती है। क्योंकि यही प्रदोष काल कहलाता है। स्नानादि कर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें और उन्हें चंदन, पुष्प, अक्षत, धूप, दक्षिणा और नैवेद्य चढ़ाएं। पार्वती माता को लाल चुनरी और सुहाग का सामान अर्पित करें। शिव चालीसा और आरती का भी जाप करें। साथ ही मंत्रों का भी जाप करें।

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