हनुमान जन्मोत्सव पर बजरंगबली के स्वरूप में महाकाल, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

देशभर में आज बड़े ही धूम-धाम के साथ भगवान हनुमान का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। सुबह से ही मंदिरों में भारी भीड़ है। उज्जैन के प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के बाद महाकाल का हनुमान जी के स्वरूप में श्रृंगार किया गया।

कैसे करें हनुमान जी को प्रसन्न
हनुमान जी जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं। हनुमान जी की कृपा मिलने से कार्यो में आने वाली हर एक बाधा फौरन ही खत्म हो जाती है। हनुमान जी कृपा पाने के लिए और उन्हें प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है। हनुमान की पूजा और हनुमान चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि, विद्या, बल और सफलता की प्राप्ति होती है। ऐसे में आज हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर हनुमान चालीसा और सुंदर कांड का पाठ जरूर करें।

हनुमान जी को अर्पित करें तुलसी और पीपल के पत्तों की माला
हनुमानजी को ‘राम’ का नाम बहुत प्रिय है। भगवान श्रीराम की पूजा करने से हनुमानजी बहुत प्रसन्न होते हैं। पीपल के पत्ते पर चमेली के तेल और सिन्दूर से ‘राम’ नाम लिखें और इसे हनुमानजी को चढ़ाएं। यह कार्य करने से सभी तरह की समस्याओं से मुक्ति मिलेगी। धार्मिक मान्यता के अनुसार हनुमानजी को तुलसी की माला चढ़ाई जाती है। इससे कष्ट और संकट मिट जाते हैं। मंगलवार के दिन बजरंगबली को तुलसी की माला चढ़ाने से व्यक्ति को आर्थिक लाभ होता है।

हनुमान जी की आरती

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।
अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।।

दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुधि लाए।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।

लंका जारि असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।आनि संजीवन प्राण उबारे।

पैठी पाताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखारे।
बाएं भुजा असुरदल मारे। दाहिने भुजा संत जन तारे।

सुर-नर-मुनि जन आरती उतारें। जय जय जय हनुमान उचारें।
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।

लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।
जो हनुमानजी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

आज देशभर में हनुमान जन्मोत्सव का पर्व मनाया जा रहा है। इस मौके पर विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में तड़के भस्म आरती की गई। महाकाल का दूध, दही, गंगाजल, फलों आदि से अभिषेक किया गया। आज हनुमान जयंती के मौके पर महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया है जिसमें बाबा भोलेनाथ को हनुमानजी का स्वरूप दिया गया।

बजरंगबली की प्रसन्न करने के लिए पढ़ें हनुमान चालीसा का पाठ
दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज,निजमनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु ,जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार ।।

चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर
राम दूत अतुलित बल धामा
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।

महाबीर बिक्रम बजरंगी
कुमति निवार सुमति के संगी
कंचन बरन बिराज सुबेसा
कानन कुण्डल कुँचित केसा।।

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे
काँधे मूँज जनेउ साजे
शंकर सुवन केसरी नंदन
तेज प्रताप महा जग वंदन।।

बिद्यावान गुनी अति चातुर
राम काज करिबे को आतुर
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया
राम लखन सीता मन बसिया।।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा
बिकट रूप धरि लंक जरावा
भीम रूप धरि असुर सँहारे
रामचन्द्र के काज संवारे।।

लाय सजीवन लखन जियाये
श्री रघुबीर हरषि उर लाये
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं
अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा
नारद सारद सहित अहीसा।।

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते
कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना
लंकेश्वर भए सब जग जाना
जुग सहस्र जोजन पर भानु
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं
जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं
दुर्गम काज जगत के जेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।

राम दुआरे तुम रखवारे
होत न आज्ञा बिनु पैसारे
सब सुख लहै तुम्हारी सरना
तुम रच्छक काहू को डर ना।।

आपन तेज सम्हारो आपै
तीनों लोक हाँक तें काँपै
भूत पिसाच निकट नहिं आवै
महाबीर जब नाम सुनावै।।

नासै रोग हरे सब पीरा
जपत निरन्तर हनुमत बीरा
संकट तें हनुमान छुड़ावै
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।

सब पर राम तपस्वी राजा
तिन के काज सकल तुम साजा
और मनोरथ जो कोई लावै
सोई अमित जीवन फल पावै।।

चारों जुग परताप तुम्हारा
है परसिद्ध जगत उजियारा
साधु सन्त के तुम रखवारे
असुर निकन्दन राम दुलारे।।

अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता
अस बर दीन जानकी माता
राम रसायन तुम्हरे पासा
सदा रहो रघुपति के दासा।।

तुह्मरे भजन राम को पावै
जनम जनम के दुख बिसरावै
अन्त काल रघुबर पुर जाई
जहां जन्म हरिभक्त कहाई।।

और देवता चित्त न धरई
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई
सङ्कट कटै मिटै सब पीरा
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।

जय जय जय हनुमान गोसाईं
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं
जो सत बार पाठ कर कोई
छूटहि बन्दि महा सुख होई।।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा
होय सिद्धि साखी गौरीसा

तुलसीदास सदा हरि चेरा
कीजै नाथ हृदय महं डेरा।।

पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।

हनुमान जन्मोत्सव पर आज जरूर करें ये उपाय

हनुमान जन्मोत्सव पर कुछ उपाय करने से सुख,शांति, आरोग्य और लाभ की प्राप्ति होती है।

समस्याओं से मुक्ति के लिए
हनुमानजी को राम का नाम बेहद प्रिय है।भगवान राम की पूजा करने से हनुमानजी बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं।पीपल के पत्ते पर चमेली के तेल और सिन्दूर से राम का नाम लिखें और इसे चढ़ाएं ,ऐसा करने से आपको सभी समस्याओं से मुक्ति मिलेगी।इसके अलावा पीपल के 11 पत्तों पर चन्दन या रोली से राम का नाम लिखकर उसकी माला बनाकर हनुमान जी को अर्पित करें।

कोर्ट-कचहरी या अन्य कष्टों से बचने के लिए
शास्त्रों में हनुमान जी को चोला चढ़ाने के लिए मंगलवार और शनिवार का दिन शुभ माना गया है। बजरंगवली को चोला चढ़ाने से शनि की साढ़ेसाती और ढैया से मुक्ति मिलती है। जो भक्त हनुमानजी को विधि-विधान से चोला चढ़ाते हैं उसके जीवन में भूत-पिशाच,शनि व ग्रहबाधा,रोग-शोक,कोर्ट-कचहरी के विवाद,दुर्घटना या कर्ज,चिंता आदि परेशान नहीं करते।

हनुमान जयंती पूजा के लिए सामग्री
भगवान हनुमान कलयुग के देवता हैं। माना जाता है कि भगवान हनुमान आज भी इस पृथ्वी पर सशरीर विचरण करते हैं। हनुमान जयंती पर हनुमान जी की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। हनुमान जयंती पर भगवान हनुमान की पूजा करने के लिए लकड़ी की चौकी, लाल कपड़ा, सिंदूर, चमेली का तेल, जनेऊ, चोला, लंगोट, गुलाब के फूल, तुलसीपत्र और पान का बीड़ा।

कलयुग के देवता हैं भगवान हनुमान
चैत्र पूर्णिमा पर उत्तर भारत में हनुमान जन्मोत्सव का पर्व आज मनाया जा रहा है। जबकि दक्षिण भारत में कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि यानी दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है। हनुमान जी सात चिरंजीवी में से एक हैं। हनुमान जी कलयुग के देवता हैं और आज भी इस पृथ्वी पर अमर हैं और निवास कर रहे हैं। हनुमान जी की आयु एक कल्प यानी 4.32 अरब साल हैं और रुद्रावतार हैं। हनुमान जी की पूजा करने से सभी तरह की मनोकामनाएं जल्द पूरी होती है।

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