निजी अस्पतालों की ज्यादा बिल वसूली पर सीएम सख्त:कोरोना में मदद के लिए धन्यवाद

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लेकिन मरीजों को लूटने की अनुमति नहीं, काेरोना अजीब बीमारी, मैं 12 दिन भर्ती रहा, रूम की सफाई की, कपड़े धोए

सांसद शंकर लालवानी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री के समक्ष निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना काल में ज्यादा बिल वसूली का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जनता बार-बार यह कह रही है कि निजी अस्पताल वाले ज्यादा बिल वसूल रहे हैं। सरकार और अस्पताल प्रबंधन बैठकर इस मुद्दा पर बात कर इसका कोई रास्ता निकाले। इस बात पर सीएम शिवराज ने मंच से कहा कि कोरोना काल में निजी अस्पतालों ने मदद की, उसके लिए धन्यवाद, लेकिन उन्हें किसी मरीज को लूटने की अनुमति नहीं। उन्होंने कलेक्टर, कमिश्नर को अस्पताल वालों के साथ बैठकर रेट तय करने को कहा। साथ ही सफाई में इंदौर की तारीफ करते हुए कहा कि चौका क्या हम तो छक्का लगाएंगे। बात दें कि दो दिन पहले ही एक निजी अस्पताल ने एक मरीज को 6 लाख रुपए का बिल थमाया था।

मुख्यमंत्री ने एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने पर संभागायुक्त, कलेक्टर, डीआईजी सहित चिकित्सकों से लेकर जनप्रतिनिधियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में 20 हजार से ज्यादा टेस्टिंग हो रही है, कोरोना अजीब बीमारी है, जो अपनों को भी दूर कर देती है, मैं भी इसका भुक्तभोगी हूं, जब अस्पताल में 12 दिन भर्ती रहा और बाथरूम से लेकर रूम की सफाई तक की। इंदौर ने कोरोना की जंग में कई सफलताएं हासिल की। आज नए हॉस्पिटल के शुभारंभ के साथ बहुत बड़ी कामयाबी मिली है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि निजी हॉस्पिटलों को लूट की अनुमति कतई नहीं दी जाएगी। उन्होंने अफसरों को मंच से ही निर्देश दिए कि जनता का इलाज बेहतर हो, लेकिन अवैध वसूली न होने दें।

सांसद ने एमवाय में सुविधाएं बढ़ाने की मांग की

सांसद ने कहा कि एमवाय अस्पताल इंदाैर ही नहीं, इंदाैर के अलावा करीब 1 कराेड़ जनसंख्या के लिए उपलब्ध है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि इसमें और ज्यादा सुविधाएं बढ़ाई जाए। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में एम्स जैसी सुविधाएं रहेंगी। लालवानी ने कहा कि इंदौर में हमें पीजीआई की जरूरत है। इससे पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों के साथ ही सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल को भी सुविधा मिलेगी। काेरोना काल में इंदौर की जनता के साथ ही प्रशासनिक, मेडिकल, पुलिस और निगम की पूरी टीम ने काम किया, वह अद्भुत है। उन्होंने कहा कि जनता की ओर से मांग आ रही है कि जो निजी अस्पताल हैं में ज्यादा बिल दिया जा रहा है उसे लेकर सरकार और अस्पताल वाले बैठकर निर्णय लें। बार-बार जनता कह रही है कि निजी अस्पताल की ओर से ज्यादा बिल दिया जा रहा है।

यह है मामला

भंवरकुआं स्थित एप्पल हॉस्पिटल ने कोरोना मरीज के इलाज के लिए छह लाख का भारी भरकम बिल मरीज के परिजनों को थमाया था।। सागर निवासी व्यक्ति के परिजन ने कलेक्टर को इसकी शिकायत की थी। इसमें कहा गया था कि 22 दिन तक भर्ती करने के बाद मरीज को छह लाख का बिल दिया गया। एक लाख रुपए की दवाई बाहर से मंगवाई, जिससे इलाज का कुल खर्च सात लाख हो गया। इसके बाद मंगलवार रात को जिला प्रशासन की समिति ने छापामार कार्रवाई की। शिकायत करने वाले मरीज के अलावा अन्य मरीजों के बिल का रिकाॅर्ड भी लिया गया था। जांच में पता लगा कि मरीज से रोजाना तीन हजार रुपए प्रतिदिन यूनिवर्सल प्रोटेक्शन के नाम पर लिए गए। वहां भर्ती सभी मरीजों से यह राशि ली जा रही है। जांच समिति को जो बिल की कॉपी दी गई, उसमें निजी लैब में करवाई कोरोना जांच का उल्लेख नहीं है। मरीज को दिए गए बिल में इसका भी शुल्क जोड़ा गया है।

3000 रुपए रोज में मरीज देख रहे थे सरकारी डॉक्टर

प्रशासन ने तीन सरकारी डॉक्टर्स डॉ. अजय गुप्ता, डॉ. सुनील मुकाती और डॉ. मिलिंद बालदी काे नोटिस दिए हैं। इन्हें प्रतिदिन 3 हजार रुपए का भुगतान किया गया। सरकारी डॉक्टर होते हुए भी निजी अस्पताल में मरीज देखना गलत है। नेशनल मेडिकल एक्ट 2019 की धारा 27 में इसे प्रोफेशनल मिसकंडाक्ट माना है।

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