इंदौर। मध्य प्रदेश की इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन वापस कराये जाने के बाद चुनावी मैदान से कांग्रेस हट गई है. अब कांग्रेस इंदौर के अपने बड़े वोट बैंक से नोटा के पक्ष में मतदान कराने जा रही है. इतना ही नहीं कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर अब कांग्रेस बाकायदा नोटा के पक्ष में मतदान के लिए धरना प्रदर्शन और रैलियां भी निकाल रही है. शनिवार को इंदौर के गीता भवन चौराहे पर डॉक्टर अंबेडकर प्रतिमा के समक्ष कांग्रेसियों ने रैली निकालकर संविधान बचाने की मांग की.
संविधान बचाओ भाजपा हटाओ
दरअसल इन दिनों इंदौर की राजनीति में कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी अक्षय कांति बम द्वारा अंतिम मौके पर नामांकन वापस लेकर भाजपा में शामिल होने का मामला गरमाता जा रहा है. जहां अब कांग्रेस अक्षय कांति बम पर लगातार जुबानी हमला बोल रही है. वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी भी इंदौर में नोटा बटन दबाने की मतदाताओं से अपील कर रहे हैं. इसी को लेकर शनिवार को शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा के नेतृत्व में नोटा को प्रमोट करने के उद्देश्य से गीता भवन चौराहा स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर प्रतिमा के समक्ष संविधान बचाओ भाजपा हटाओ का नारा देते हुए रैली निकाली गई थी.
‘भाजपा तानाशाही पार्टी’
कांग्रेस नेता सह पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि “आज प्रदेश ही नहीं पूरे देश में भाजपा तानाशाह बनी हुई है. जिसका एक छोटा सा उदाहरण इंदौर में देखने को मिला. जहां भाजपा ने कांग्रेसी प्रत्याशी अक्षय कांति बम पर दबाव बनाकर नामांकन लेने पर मजबूर कर दिया. वहीं ऐसे में अब इंदौर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी न होने के चलते कांग्रेस इंदौर की जनता से नोटा बटन दबाने की अपील कर रही है.”
‘नोटा को समर्थन देने की तैयारी’
सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि “भारतीय जनता पार्टी लगातार लोकतंत्र की हत्या कर रही है. उन्हें उम्मीद है कि इस बार इंदौर में नोटा बटन दबाकर इंदौर के मतदाता एक नया रिकॉर्ड बनाएंगे. गौरतलब है कि इंदौर में कांग्रेस का भी एक बड़ा वोट बैंक है, जो नोटा को समर्थन देने की तैयारी में है. वहीं भारतीय जनता पार्टी की रणनीति से उन मतदाताओं को भी निराशा हाथ लगी है, जो चुनाव में प्रतिस्पर्धा का इंतजार कर रहे थे.”
भाजपा में असहमति के स्वर
कांग्रेस के प्रत्याशी को भाजपा में शामिल करने के बाद अब इंदौर के मतदाताओं के बीच भी मतदान को लेकर कोई उत्साह नजर नहीं आ रहा है. यही वजह है कि निर्वाचन आयोग और जिला निर्वाचन कार्यालय के स्तर पर भी मतदान प्रतिशत में कमी आने की चिंता साफ नजर आ रही है. इधर भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन ने भी कांग्रेस प्रत्याशी को भाजपा में शामिल करने को लेकर असहमति जताई है. जिसके कारण भी कांग्रेस अब अपने नोटा अभियान को लेकर ज्यादा सक्रिय हो गई है. माना जा रहा है कि इंदौर की राजनीति में कांग्रेस प्रत्याशी को भाजपा में शामिल करने के फैसले पर भाजपा में भी असहमति के स्वर मुखर हो चुके हैं. हालांकि भाजपा फिलहाल कि मामले पर चुप्पी साधे हुए है.