कोरोना वायरस के प्रभाव को देखते हुए इंदौर कलेक्टर लोकेश जाटव द्वारा लॉक डाउन के आदेश के बाद इंदौर डीआईजी रुचिवर्धन मिश्र भी सख्त हो गई। उन्होंने कहा कि अनावश्यक बाहर ना निकले। अनावश्यक बाहर निकलने पर दंडात्मक कार्रवाई होगी। साथ ही डीआईजी रुचि वर्धन मिश्र ने जनता से सहयोग की अपील भी की।
लॉक डाउन का असर इंदौर के पूरे क्षेत्र में लागू करने के लिए शहर के प्रमुख चैराहे पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा मोर्चा संभाल लिया गया है। डीआईजी रुचि वर्धन मिश्रा ने आदेश के उल्लंघन करने वालों पर आईपीसी के तहत कार्रवाई करने की बात कही है। इसके अलावा गाड़ी भी जब्त होगी और छह माह की सजा भी होगी। इंदौर पुलिस ने शहर के सभी लोगों से धैर्य पूर्वक और संयम से इस आदेश का पालन करने की अपील की है। अगर जरूरत का सामान भी लेना हो तो केवल घर का एक सदस्य ही घर से बाहर निकले। वही डीआईजी रूचिवर्धन मिश्र ने बताया कि किसी को भी अपने घर ना बुलाए और ना ही किसी के घर जाना। कलेक्टर ने आदेष दिया है कि कोई भी अनावश्यक बाहर पाया जाता है तो उस पर 188 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और उसकी गाड़ी भी जप्त कर ली जाएंगी। अगर कोई संक्रमण फैलता है या किसी को परेशानी होती है तो आईपीसी के तहत उस पर 6 माह की सजा का प्रावधान भी किया गया है। लॉक डाउन की मजाक में भी अवहेलना ना करें।
कोरोना के चलते जहां देशभर में लोग लॉक डाउन का कड़ाई से पालन कर रहे है। वही इंदौर के हृदय स्थल राजवाड़ा पर भी पुलिस द्वारा इसका कड़ाई से पालन कराया जा रहा है। इसी दौरान पुणे से आये एक युवक को पुलिस ने राजवाड़ा पर जांच के दौरान रोक लिया। युवक का कहना है कि नॉर्मल खांसी होने के चलते वह खुद जांच कराने के लिए यहां आया था। वही स्वास्थ्य विभाग से अभी कोई भी जांच के लिए नहीं आया। उन्होंने कहा कि फिलहाल 2 दिन से ओपीडी बंद होने के कारण वह जांच नहीं करा पाया। कोरोना वायरस की आशंका के चलते युवक खुद भयभीत है, जिसके चलते एमवाय ओपीडी के लिए निकला था। उसे राजवाड़ा पर पुलिस द्वारा रोक लिया गया।