खान पान के लिए प्रसिद्ध इंदौर की 56 दुकान और सराफा चैपाटी सात दिन के लिए कोरोना वायरस के चलते बंद करने का निर्णय लिया गया है। व्यापारी बोले मंदिरों में जा नहीं सकते, हमारे आधुनिक भगवान (डाक्टर) को ज्यादा लोड देना नहीं चाहते, इसलिए सभी व्यापारियों ने मिलकर ये निर्णय लिया है।
56 दुकान और सराफा चैपाटी के व्यापारियों ने शहर के हित में बहुत बड़ा कदम उठाते हुए सात दिन तक पूरा कारोबार बंद रखने का फैसला किया है। इसे लेकर व्यापारियों ने स्मार्ट सिटी के सीईओ को बुलाकर अपने इस फैसले से अवगत कराया। इसका स्वागत करते हुए सीईओ ने कहा दूसरे बाजारों को भी इससे सीख लेना चाहिए। 56 दुकान पर व्यापारियों ने एक बैठक का आयोजन किया, जिसमें स्मार्ट सिटी के सीईओ संदीप सोनी, अधीक्षण यंत्री डीआर लोधी को भी बुलाया गया। व्यापारियों ने अधिकारियों को बताया कि कोरोना भले ही म.प्र. में नहीं आया है लेकिन इसकी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। प्रशासन ने 56 दुकान और सराफा चैपाटी को वीकएंड पर बंद करने का फैसला सुनाया था। इस पर व्यापारियों ने बताया कि मॉल्स और सिनेमा हॉल बंद होने के कारण सारी भीड़ इन दोनों मार्केट में आ रही है। इससे शाम के समय हजारों की संख्या में लोग जमा हो जाते हैं। यह बहुत ही खतरनाक स्थिति है। इसे देखते हुए व्यापारियों ने तय किया है कि दोनों मार्केट को एक हफ्ते के लिए बंद कर दिया जाए।
56 दुकान व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष गुंजन शर्मा ने बताया मंदिरों के पट बंद होते जा रहे हैं। वहां आरती में खड़े नहीं हो सकते। ऐसे में हमारे आधुनिक भगवान डॉक्टरों के पास पहले ही बहुत लोड है। हम उनका लोड बढ़ाना नहीं चाहते इसलिए व्यापारिक नुकसान होने के बावजूद हम यह निर्णय शहर हित में ले रहे हैं। सराफा चैपाटी के अध्यक्ष राम गुप्ता ने बताया स्वास्थ्य व्यापार से ज्यादा जरूरी है। इसे देखते हुए हमने तय किया है कि गुरुवार से सात दिन तक सराफा चैपाटी को बंद रखा जाएगा। संक्रमण से बचाव के लिए रीजनल पार्क, नेहरू पार्क सहित नगर निगम शहर के 74 बड़े गार्डन को भी बंद करने की तैयारी में है। इन सभी गार्डन में सुबह-शाम एक साथ लगभग हजार से ज्यादा लोग प्रवेश करते हैं। अपर आयुक्त एस कृष्ण चैतन्य ने बताया ऐसी तैयारी की जा रही है। 56 दुकान पर आने वालों के वाहनों की पूरी पार्किंग एमजी रोड पर होने के बाद निगम ने बुधवार से सख्ती कर दी। यहां नो-पार्किंग के बोर्ड लगा दिए गए और 10 बाउंसर भी तैनात कर दिए गए। फिर भी जिन लोगों ने उदासीन आश्रम के बाहर फुटपाथ और रोड पर गाड़ियां लगा दीं उनकी गाड़ियां जब्त कर बंगाली चैराहा भेज दी गईं। जो लोग गाड़ी छुड़ाने पहुंच गए उनसे जुर्माना वसूला गया।