महाशिवरात्रि का पर्व पूरे देश में 21 फरवरी को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। उज्जैन के महाकाल मंदिर में भी महाशिवरात्रि की तैयारी लगभग अंतिम दौर में है, वही बाबा महाकाल में गुरूवार से शिव नवरात्रि प्रारंभ हो चुकी है। जिसमें बाबा महाकाल सभी श्रद्धालुओं को दुल्हे के रूप में दर्शन दे रहे है और बाबा महाकाल को हल्दी चंदन का लेप लगाकर दूल्हे के रूप में अद्भुत श्रृंगार किया जा रहा है। महाशिवरात्रि पर महाकाल मंदिर के पट लगातार 24 घंटे खुले रहेंगे। 21 फरवरी को महाशिवरात्रि पर भस्म आरती के बाद से दर्शन का सिलसिला प्रारंभ होगा।
दिन के दर्शन के बाद 21-22 फरवरी की मध्यरात्रि को राजाधिराज महाकाल को सेहरा धारण कराया जाएगा। बाबा महाकाल के सेहरा धारण करने की वजह से 22 फरवरी का तड़के भस्मआरती नहीं होगी। भस्म आरती दोपहर १२ बजे की जाएगी। जो साल में 1 बार ही होती है। दिनभर दर्शन के बाद रात साड़े 10 बजे शयन आरती के बाद मंदिर के पट बंद किए जाएंगे। बाबा महाकाल अपने भक्तों को 13 फरवरी से नए नए रूपों में दर्शन देंगे, और बाबा महाकाल को प्रतिदिन उबटन हल्दी चंदन लगाकर आकर्षक श्रृंगार कराया जाएगा। मंदिर प्रशासक सुजानसिंह रावत के मुताबिक बाबा महाकाल के दर्शन करने आने वाले श्रधालुओं की व्यवस्था उचित हो, यही प्रयास किये जा रहे है। वही वीआईपी दर्शन हेतु और आम श्रद्धालु हेतु अलग अलग व्यवस्था की जा रही है।