शाजापुर में 2 दिन पहले एक बच्ची को गंभीर हालत में इलाज के लिए इंदौर के एमवाय हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई है। वहीं सयोगितागंज पुलिस ने पूरे मामले में जीरो पर मर्ग कायम कर जांच शाजापुर पुलिस को दे दी है। शाजापुर से इलाज के लिए एक-दो दिन की बच्ची को इंदौर के अंबा हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था, वही शाजापुर एसपी ने पूरे मामले की जानकारी इंदौर डीआईजी रूचि वर्धन मिश्र को भी दी थी। एसपी की जानकारी मिलने के बाद डीआईजी रूचि वर्धन मिश्र को जब 2 दिन की बच्ची की जानकारी लगी तो उन्होंने तत्काल बच्ची के संबंध में सीएसपी ज्योति उमठ को जांच के आदेश दिए। डीआईजी से मिले आदेश के बाद सीएसपी ज्योति उमेद तत्काल अंबा हॉस्पिटल पहुंची और बच्ची के परिजनों से बातचीत की और बच्ची की हालत भी देखी। परिजनों का कहना है कि, जिस हॉस्पिटल में बच्चे का जन्म हुआ उस हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने जन्म के दौरान कई तरह की लापरवाही की है। उसके शरीर पर कई जगह पर चोट के निशान भी थे, इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि वहां के डॉक्टरों ने डिलीवरी के दौरान किसी तरह की लापरवाही की है, और उसी के कारण बच्ची के शरीर पर कई तरह के चोट के निशान थे।
बच्ची यदि कोई हरकत करती तो शरीर के अंदर से आंते बाहर आ जाती थी, और उसी का इलाज करवाने के लिए परिजन वापस से जिस हॉस्पिटल में डिलीवरी हुई थी, उस हॉस्पिटल में लेकर गए थे। लेकिन वहां के डॉक्टरों ने उसे इलाज के लिए इंदौर के अंबा हॉस्पिटल रेफर कर दिया। वही ऐसी भी संभावना व्यक्त की जा रही है कि जिस परिवार में बच्ची का जन्म हुआ था, उस परिवार में कई लोगों की बेटियां थी और जिस महिला को बेटी हुई थी उसकी भी एक बेटी पहले से मौजूद थी। वहीं इस बच्ची का जन्म 2 दिन पहले हुआ था, उस परिवार में 2 दिन पहले कमी हुई थी इसी के चलते उसके पिता ने बच्ची को और उसकी मां को मायके में छोड़ा हुआ था। और वहीं पर यह पूरा घटनाक्रम हुआ। फिलहाल पुलिस कई तरह की आशंकाओं पर जांच कर रहा है।