राष्ट्रीय लोक अदालत में एक करोड़ 58 लाख 15 हजार दो सौ इक्यासी रूपये के अवार्ड पारित. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं मुख्य न्यायाधिपति मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशानुसार मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में 8 फरवरी को नेशनल लोक अदालत का आयोजन प्रशासनिक न्यायाधिपति एस.सी. शर्मा के मार्गदर्शन में किया गया। जिसमें लोक अदालत के माध्यम से न्यायालयों में लंबित विभिन्न प्रकार के प्रकरणों का निराकरण किया गया। अनिल वर्मा प्रिसिंपल रजिस्ट्रार एवं सचिव उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति इंदौर ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण हेतु उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर हेतु छरू खण्डपीठों का गठन किया गया था। जिसमें न्यायाधिपति श्री रोहित आर्य एवं सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. रशीद खान, न्यायाधिपति मिस वन्दना कसरेकर एवं सामाजिक कार्यकर्ता मिस सीमा मालवीय, न्यायाधिपति श्री विवेक रूसिया एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्री अजीत उपाध्याय, न्यायाधिपति श्री वीरेन्दर सिंह एवं सामाजिक कार्यकर्ता महेश कुमार शर्मा, न्यायाधिपति श्री एस के अवस्थी एवं सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती जगजीत शर्मा तथा न्यायाधिपति श्री शैलेन्द्र शुक्ला एवं सामाजिक कार्यकर्ता अंजूलता भटेले की खण्डपीठ में सिविल (एमएसीटी आदि) रिट एवं क्रिमिनल के प्रकरणों की सुनवाई हुई। राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रथम अपील, द्वितीय अपील, अवमानना प्रकरण, एमसीसी, क्रिमिनल रिवीजन, क्रिमिनल अपील, मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति, रिट याचिकायें, कवर्ड मैटर, वैवाहिक विवाद के मामले, सर्विस मैटर आदि से संबंधित 832 प्रकरणों को सुनवाई के लिये रखा गया। जिसमें कुल 207 प्रकरण निराकृत हुए, जिनमें कुल मुआवजा राशि एक करोड़ 58 लाख 15 हजार दो सौ इक्यासी रूपये के अवार्ड पारित किये गये।