भारत के प्रमुख त्यौहारों में शुमार मकर संक्रांति का पर्व प्रत्येक वर्ष जनवरी माह में मनाया जाता है। यूं तो अन्य त्योहारों की भांति मकर संक्रांति के अवसर पर भी कुछ परंपराओं का पालन किया जाता है। लेकिन इन परंपराओं और मान्यताओं के बीच एक चीज जो पूरे त्यौहार में आकर्षण का केंद्र बनकर सामने आती है, वह है पतंग उड़ाना। मकर संक्रांति के मौके पर न सिर्फ हर उम्र के लोग पूरे जोश और मस्ती से पतंग उड़ाते हैं, बल्कि कई जगहों पर तो पतंगोत्सव का एक भव्य आयोजन भी किया जाता है।
पूरे देश में मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जा रहा है। मकर संक्रांति पर लोगों ने सुबह से ही पवित्र नदियों में स्नान किया साथ ही परंपरा अनुसार पतंगबाजी का भी आनंद लिया। बड़े हो या बच्चे सभी ने मकर संक्रांति पर पतंगबाजी को लेकर विशेष इंतजाम किए है। इसके लिए लोगों ने कई दिनों से तैयारी कर रखी थी। छात्रा विदुषी शर्मा का कहना है कि हम, मकर संक्रांति का इंतजार बहुत दिनों से कर रहे हैं, और आज हम परिवार के साथ पतंग उड़ाने अपनी-अपनी छतों पर जाएंगे।
मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने के लिए लोग सुबह से ही छतों पर पहुंच गए हैं और अपने परिवार के साथ अपने मित्रों के साथ पतंगबाजी का आनंद ले रहे हैं। लोगों ने छतों पर डीजे भी लगाए हैं। मकर संक्रांति पर दान पुण्य का विशेष महत्व रहता है। लोगों ने पतंगबाजी के अलावा मंदिरों में जाकर दान भी किया, साथ ही गायों को हरे चने एवं घास भी खिलाई।