
आतंकियों के पनाहगाह पाकिस्तान ने जब-जब अपनी नापाक निगाहों से भारत की ओर देखा, तब-तब भारतीय सेना ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। अब 15 दिनों बाद पूरी तरह से रणनीति बनाकर एक बार फिर भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लिया है। पड़ोसी के साथ जारी तनाव के बीच भारत ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया है।
हालांकि ये पहली बार नहीं है कि भारत ने आतंकियों को उसके कुकर्मों का करारा जवाब दिया हो। इससे पहले भी भारत ने 2019 में बालाकोट एयर स्ट्राइक और 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान और आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया था। आइए आतंकियों के खिलाफ भारत के इन सैन्य कार्रवाई पर प्रकाश डालते है, जिससे पाकिस्तान दहल उठा था।
पहले बात ऑपरेशन सिंदूर की
भारतीय सेना की तरफ से आतंकियों के खिलाफ की गई ये बड़ी कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बदले के तौर पर है। जहां बीते 22 अप्रैल को आंतकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी थी। सेना की वर्दी में आए दहशतगर्दों ने पहलगाम की बायसरन घाटी में पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा, परिचय पत्र देखे और फिर हिंदू हो कहकर गोली मार दी, जिसके बाद देशभर में लोगों में एक बड़ा आक्रोश देखने को मिला। साथ ही देशवासी लगातार रूप से भारत सरकार से इस हमले की जवाबी कार्रवाई करने की मांग करने लगे। आखिरकार भारतीय सेना ने भी आतंकियों के हमले का बदला लेते हुए पाकिस्तान में नौ आतंकियों के ठिकानों पर मिसाइल दाग कर नेस्तनाबूद कर दिए।
रक्षा मंत्रालय ने दी जानकारी
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि भारतीय बलों ने उन आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाया है, जहां से भारत के खिलाफ आतंकवादी हमलों की योजना बनाई गई और निर्देशित किया गया था। कुल मिलाकर नौ जगहों को निशाना बनाया गया है। हमारी कार्रवाई केंद्रित, पहले से तय और प्रकृति में गैर-उग्र रही है। किसी भी पाकिस्तानी सैन्य सुविधा को निशाना नहीं बनाया गया है।
बालाकोट एयर स्ट्राइक से पाकिस्तान में आई थी तबाही
इससे पहले 26 फरवरी 2019 का वो दिन जब भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान की नींद उड़ा दी थी। जहां भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट इलाके में आतंकी ठिकानों को बम से तबाह किया। यह हमला तड़के सुबह किया गया, ताकि नागरिकों को नुकसान न हो।
बता दें कि भारतीय सेना की तरफ से किया गया ये पहला 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमले जवाब में था, जिसमें 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे। हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद नामक आतंकी संगठन ने ली थी। ध्यान रहे कि यह पहली बार था जब भारत ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) से भी आगे जाकर हवाई हमला किया।
सर्जिकल स्ट्राइक जब भारत ने पाकिस्तान को घर में घुसकर दिया करारा जवाब
28 सितंबर 2016 की रात एक ऐसा वक्त था, जब पूरा देश तो गहरी नींद में था, लेकिन दिल्ली के प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में हलचल तेज थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुछ चुनिंदा वरिष्ठ अधिकारी एक बड़े फैसले पर काम कर रहे थे। भारतीय सेना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में घुसकर आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर चुकी थी और सुरक्षित लौट भी आई थी।
बता दें कि भारतीय सेना की तरफ से की गई ये कार्रवाई 18 सितंबर 2016 को हुए उरी हमले के जवाब में था। उस दिन पाकिस्तान से आए आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में भारतीय सेना के कैंप पर हमला किया था, जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले से पूरे देश में गुस्सा था। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कहा था कि शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
घर में घुसकर दिया था जवाब
इसके बाद भारतीय सेना ने 28-29 सितंबर की रात ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ को अंजाम दिया। सेना के जवान LOC पार कर आतंकियों के ठिकानों तक पहुंचे और उन्हें खत्म कर लौटे। जहां 29 सितंबर को सरकार ने दुनिया को बताया कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा, बल्कि जवाब देगा – वह भी दुश्मन की धरती पर जाकर।
45 आतंकी हुए थे ढेर
पाकिस्तान आतंकी कैंपों की मौजूदगी को स्वीकार नहीं कर रहा था। भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए ऐसा कदम उठाया कि न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि पूरी दुनिया को दिखा दिया कि भारत आतंकी कैंपों का खात्मा कर सकता है। 28-29 सितंबर की दरम्यानी रात को भारतीय सेना के विशेष बलों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार कर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी लॉन्च पैड्स पर सर्जिकल स्ट्राइक की और उन्हें तबाह कर दिया। इस हमले में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी आतंकवादियों के छह लॉन्चपैड को तबाह कर दिया था और करीब 45 आतंकी इस कार्रवाई में मारे गए थे।