
पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना की कार्रवाई के बाद राजनेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। सभी ने एकजुटता दिखाते हुए भारतीय सेना के पराक्रम की तारीफ की। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सोशल मीडिया पर साझा पोस्ट में लिखा ‘पराक्रमो विजयते!!’ इसका मतलब है कि ‘पराक्रम ही विजयी होता है।’ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ‘हमें अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है। जय हिंद!’
140 करोड़ देशवासी भारतीय सेना और सरकार के साथ’
राजद नेता तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर साझा पोस्ट में लिखा कि ‘भारत, भारतीयों और भारतीय सेना ने कभी भी अपने देश में किसी भी प्रकार के आतंकवाद और अलगाववाद को बर्दाश्त नहीं किया है और न ही कभी करेंगे। भारतीय सेना ने हर बार माताओं की कोख, बहनों की कलाई और उनके माथे के सिंदूर की रक्षा की है। हम सत्य, अहिंसा और शांति को मानने वाले लोग हैं। हम भारतीय कभी गलत नहीं करते, लेकिन अगर कोई हमारे साथ गलत करता है तो फिर हम सहते नहीं। आतंकवाद को पोसने वाले लोग यदि हमारी एकता, अखंडता और संप्रभुता पर प्रहार करेंगे तो हम एकजुट होकर मुंह तोड़ जवाब देना आता है। आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में 140 करोड़ भारतवासी भारतीय सेना और सरकार के साथ हैं। हिंदुस्तान जिंदाबाद! भारतीय सेना जिंदाबाद! जय हिंद!’
कांग्रेस ने कहा- यह एकता और एकजुटता का समय
कांग्रेस ने कहा कि यह एकता और एकजुटता का समय है। कांग्रेस सशस्त्र बलों के साथ मजबूती से खड़ी है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का भारतीय सेना ने बुधवार को मुंहतोड़ जवाब दिया। सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमला कर आतंकियों को मिट्टी में मिला दिया। सेना के इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा मुरीदके शामिल हैं। सेना की इस कार्रवाई का असद्दीन ओवैसी और कांग्रेस ने स्वागत किया है।
पाकिस्तान को सख्त सीख देनी चाहिए: ओवैसी
एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान के आतंक ढांचे को पूरी तरह नष्ट कर देना चाहिए। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, ‘मैं हमारी रक्षा सेनाओं द्वारा पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर किए गए लक्षित हमलों का स्वागत करता हूं। पाकिस्तानी डीप स्टेट को ऐसी सख्त सीख दी जानी चाहिए कि फिर कभी दूसरा पहलगाम न हो।’
