
कर्नाटक के मृतक का शव बंगलूरू पहुंचा
पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गए कर्नाटक के दो पर्यटकों- मंजूनाथ राव और भरत भूषण के शव केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लाए गए। केंद्रीय मंत्री वी सोमन्ना और बंगलूरू दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या पर्यटकों के पार्थिव शरीर के साथ थे। राव का पार्थिव शरीर उनके गृहनगर शिवमोगा ले जाया गया, जबकि भूषण का अंतिम संस्कार बंगलूरू में किया जाएगा।
- इसके अलावा तमिलनाडु के मदुरै में रहने वाले 68 पर्यटकों को भी जम्मू-कश्मीर के पहलगाम से सुरक्षित निकाल लिया गया है। पर्यटकों को लेकर विमान देर रात चेन्नई एयरपोर्ट पर पहुंचा।
- पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मधु सुधन राव के पार्थिव शरीर को भी चेन्नई लाया गया, एयरपोर्ट पर नेताओं ने श्रद्धांजलि दी।
- महाराष्ट्र के पुणे में रहने वाले संतोष जगदाले और कौस्तुभ गणबोटे भी पहलगाम में मारे गए। उनके पार्थिव शरीर को भी पुणे एयरपोर्ट पर लाया गया। सभी के अंतिम संस्कार की तैयारियां हो रही हैं।
सरकार आज सर्वदलीय बैठक करेगी, पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई संभव; राज्यों में मृतकों के संस्कार
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले को लेकर केंद्र सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है। सूत्रों का कहना है कि राजनाथ सिंह बैठक की अध्यक्षता कर सकते हैं। गृह मंत्री अमित शाह व राजनाथ ने कई दलों के नेताओं से इस पर चर्चा की है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने पहलगाम के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक की मांग की थी।
सैन्य कार्रवाई संभव
सूत्रों ने बताया कि राजनाथ के साथ सीडीएस व तीनों रक्षा सेवाओं के प्रमुखों की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ उठाए जा सकने वाले सैन्य कदमों पर चर्चा हुई। बाद में राजनाथ ने इन कदमों की जानकारी सीसीएस बैठक में पीएम मोदी व अन्य मंत्रियों के साथ साझा की। राजनयिक कदमों के अलावा पाकिस्तान को जल्द ही किसी सैन्य कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है।
कब और कहां हुई आतंकी वारदात, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री क्या बोले
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट ‘मिनी स्विटरलैंड’ नाम से मशहूर पर्यटन स्थल पर मंगलवार दोपहर हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक हैं। यह 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे घातक हमला है। एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि 26 मृतकों में दो विदेशी और दो स्थानीय निवासी हैं। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस आतंकी हमले को ‘हाल के वर्षों में आम लोगों पर हुए किसी भी हमले से कहीं बड़ा’ हमला बताया। अधिकारियों ने बताया कि यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत की यात्रा पर हैं। इसी समय जम्मू-कश्मीर में पर्यटन और ट्रैकिंग का मौसम जोर पकड़ रहा है।
74 महीने बाद आतंकी हमले से दहली घाटी
2019 की फरवरी में जम्मू-कश्मीर के ही पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमला पहलगाम में हुआ है। पहलगाम शहर से लगभग छह किलोमीटर दूर बैसरन चीड़ के पेड़ों के घने जंगलों और पहाड़ों से घिरा एक विशाल घास का मैदान है तथा देश व दुनिया के पर्यटकों के बीच पसंदीदा स्थान है।
आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े TRF ने ली हमले की जिम्मेदारी
पहलगाम हमले के संबंध में अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हथियारबंद आतंकवादी ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ में घुस आए और भोजनालयों के आसपास घूम रहे, खच्चर की सवारी कर रहे, पिकनिक मना रहे पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। पाकिस्तान में स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के छद्म संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।