
संगम की रेती पर जहां विभिन्न मत-मतांतरों का मिलन हो रहा था। संगम के किनारे बसे महाकुंभ नगर में सिर पर खेती करने वाले बाबा के बाद अब सोने से लदे स्वर्णिम बाबा सुर्खियां बटोर रहे हैं।स्वर्णिम बाबा के शरीर पर गले से लेकर उंगलियों और कमर तक छह किलो से अधिक सोने के गहने हर किसी को लुभा रहे हैं। केरल के तिरुवनंतपुरम से आए बाबा नारायण स्वामी उर्फ स्वर्णिम बाबा निरंजनी अखाड़े में 24 जनवरी को महामंडलेश्वर के पद पर आसीन होंगे।
महंगी गाड़ियां, राजसी अंदाज और महंगे शौक रखने वाले बाबा नारायण स्वामी पांच घंटे साधना करते हैं। वह इन दिनों विश्व के मंगल और शांति के लिए संगम की रेती पर अखंड जप का संकल्प ले चुके हैं। वह गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी में तीन पहर डुबकी लगाते हैं और ध्यान में लग जाते हैं।
नारायण स्वामी को महामंडलेश्वर बनाने पर निरंजनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी के अलावा पंच परमेश्वर ने भी मुहर लगा दी है। नारायण स्वामी ने शनिवार को अमर उजाला से बातचीत में अपनी भावनाओं को खुलकर साझा किया।
उनका कहना था कि महामंडलेश्वर का दायित्व मिलने के बाद सनातन संस्कृति के प्रति उनकी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाएगी। वह दक्षिण भारत में खासतौर से केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में दक्षिण भारतीय समाज के बीच सनातन धर्म का प्रचार करेंगे।
केरल के प्रतिष्ठित संत नारायण स्वामी को निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाने का निर्णय लिया गया है। वह छह किलो सोना पहनते हैं। उनको स्वर्णिम बाबा के भी नाम से जाना जाता है। श्रीमहंत ओंकार गिरि, सचिव, तपोनिधि पंचायती निरंजनी अखाड़ा
85 फीट ऊंचा तेजस बनेगा आकर्षण का केंद्र
उधर, महाकुंभ के सेक्टर पांच में यज्ञशाला के गेट पर बन रहा भारतीय वायु सेना की शान तेजस विमान का मॉडल श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। इसकी ऊंचाई 85 फीट और चौड़ाई 50 फीट होगी। मोर पंखी मोर ध्वज बड़ा भक्तवान शिविर की ओर से बनाए जा रहे मॉडल के नीचे से श्रद्धालु कथा पंडाल में पहुंचेंगे। यहां श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क भंडारा भी लगेगा।
व्यवस्थापक पप्पू केसरवानी बताते हैं कि उनके गुरु जी बृजभूषण दास के मन में आया कि देश की शान तेजस का मॉडल बनवाएं। ताकि, देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु हमारी वायुसेना की ताकत से परिचित हो सकें। तेजस के मॉडल को हूबहू दिखाने के लिए इसमें लाइटें भी लगाई जाएंगी।
इसे बनाने में लगभग 12 लाख रुपये खर्च होंगे। इसके निर्माण में तीन हजार बांसों का इस्तेमाल होगा। बंगाल से आए 15 मजदूर पांच दिसंबर से लगातार मॉडल के निर्माण में लगे हैं। इसका निर्माण जल्द पूर्ण होने की उम्मीद है।