
मध्य प्रदेश के नए डीजीपी कैलाश मकवाना ने सोमवार को पदभार ग्रहण करते पीएचक्यू अधिकारियों की बैठक बुलाई और उनकी क्लास लगा दी। उन्हेंने अधिकारियों को अपनी प्राथमिकता भी बता दी। डीजीपी ने कहा कि पुलिस फोर्स से हमेशा अनुशासन की अपेक्षा की जाती है और उनकी कोशिश रहेगी इसे सख्ती से लागू किया जाए। डीजीपी ने मंगलवार को प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों और आईजी की बैठक बुलाई है। एसपी-आईजी बैठक में डीजीपी पुलिस अधिकारियों को अपनी 10 प्राथमिकताएं बताएंगे। कैलाश मकवाना ने कहा कि थानों में जनता की सुनवाई हो और पुलिस रिस्पॉन्सिव हो यह उनकी प्राथमिकता रहेगी। बाद मीडिया से रूबरू हुए डीजीपी ने कहा कि प्रदेश की पुलिस फोर्स को बेहतर रिस्पांसिबल और अकाउंटेबल बनाने के प्रयास किए जाएंगे।
पुलिस की क्षमताओं को और बढ़ाया जाएगा
उन्होंने कहा कि पुलिस फोर्स की कमी हमेशा महसूस की जाती रही है, लेकिन इस कमी को पूरा करने के लिए प्रदेश की पुलिस को तकनीकी रूप से और सक्षम बनाया जाएगा। सड़क हादसों में कमी के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में डिजिटाइजेशन होने के साथ ही साइबर फ्रॉड की घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। हमारी कोशिश रहेगी कि ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए सबसे पहले जनता को जागरूक किया जाए। साथ ही पुलिस की क्षमताओं को और बढ़ाया जाएगा वैसे मध्य प्रदेश पुलिस साइबर क्राइम के मामले में बहुत बेहतर काम करती आई है।
अपराधिक घटनाओं से ज्यादा सड़क दुर्घटना से मौत
कैलाश मकवाना ने ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर चिंता जताई है उन्होंने कहा कि, यह चिंता का विषय है कि प्रदेश में जितने लोगों की जान अपराधिक घटनाओं में नहीं जाती उससे ज्यादा मौतें सड़क दुर्घटनाओं में हो जाती हैं। प्रदेश में यातायात सुरक्षा को कैसे मजबूत किया जाए इसको लेकर तेजी से काम किया जाएगा। इसके लिए लोगों को भी ट्रैफिक का पाठ पढ़ाया जाएगा, साथ ही तकनीकी सुधार किए जाएंगे। कैलाश मकवाना ने 2028 में होने जा रहे सिंहस्थ को पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बताया. उन्होंने कहा कि उज्जैन में बने महाकाल लोक के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। आगामी सिंहस्थ 2028 में पिछले सिंहस्थ की अपेक्षा कई गुना ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ आने की उम्मीद है। इसको देखते हुए ट्रैफिक मैनेजमेंट को लेकर बड़ी प्लानिंग शुरू की जाएगी।