हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में फैला करंट: पूर्व TI के परिवार के दो सदस्य झुलसे, जबलपुर रेफर, कुछ माह पहले पत्रकार के बच्चे की हुई थी मौत

सतना

मैहर। मध्य प्रदेश के मैहर जिले की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में करंट फैल गया। इस घटना में मैहर के पूर्व थाना प्रभारी के परिवार के दो सदस्य बुरी तरह झुलस गए। जिन्हें इलाज के लिए जबलपुर रेफर किया गया है। विद्युत विभाग और ठेकेदार की लापरवाही के चलते यह हादसा हुआ।बुधवार की देर शाम मैहर में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब करंट फैल गया। मैहर के पूर्व थाना प्रभारी भारत सिंह चौहान के घर में करंट की वजह से उनके परिवार की दो पोतियां आहाना (11) और भूमिका (13) बुरी तरह झुलस गए, जिन्हें इलाज के लिए जबलपुर ले जाया गया है। बताया गया है कि करंट फैलने की मुख्य वजह बिजली ठेकेदार की मनमानी है, जिसे लगभग सात महीने पहले बिजली लाइन शिफ्टिंग का काम दिया गया था, लेकिन उसने कोई तत्परता नहीं दिखाई। हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में जिस स्थान पर पूर्व TI का घर है, वहां पर बिजली का पोल लगा हुआ है। इसी पोल में करंट उतरा था जिससे उनके परिवार के सदस्य झुलस गए।

तीन वार्डों की बिजली शिफ्टिंग के लिए हुआ था ठेका
मैहर नगर पालिका परिषद ने वार्ड क्रमांक 5, 17 और 18 के उच्च दाब और निम्न दाब विद्युत लाइन शिफ्टिंग का ऑन लाइन टेंडर किया था। जिसका वर्क ऑर्डर मेसर्स रविंद्र द्विवेदी को दिया गया था। प्रोजेक्ट क्रमांक 711642 में कुल राशि 7 लाख 60 हजार 288 रुपए का वर्क ऑर्डर था। यह अनुबंध 6 अक्टूबर 2023 को किया गया था और कार्य दो माह के अंदर पूरा करना था। लेकिन सात माह गुजर जाने के बावजूद ठेकेदार ने बिजली की शिफ्टिंग नहीं की, जिसका नतीजा यह हुआ कि आज करंट फैल गया और 2 लोग बुरी तरह से झुलस गए।

लगातार हो रहे हादसे
हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में हादसों का क्रम लगातार चल रहा है। आवासीय क्षेत्र से हाई टेंशन लाइन गुजरी है, जिसकी वजह से अक्सर हादसे होते रहते हैं। इस घटना से पहले दो अन्य घटनाएं हो चुकी हैं। कुछ महीने पहले हुए हादसे में पत्रकार के नाबालिग बालक की भी मौत हो गई थी। अगर विभाग ने इसे गंभीरता से लिया होता तो शायद यह दर्दनाक स्थिति निर्मित नहीं हुई होती। 

बिजली विभाग के अधिकारियों से नहीं हुआ संपर्क

बिजली विभाग के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। ठेकेदार रविंद्र द्विवेदी से जब इस बारे में बात की गई, तो उसने बताया कि बिजली विभाग ने हमें आचार संहिता का हवाला देकर अनुमति नहीं दी, जिसके चलते कार्य नहीं कर पाए। ठेकेदार और बिजली विभाग की लापरवाही के चलते परिवार के दो सदस्य जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं।

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