इंदौर: कोरोना काल में गरीबों के मसीहा बनकर उभरे सोनू सूद अब तक राजनीति में आने को लेकर ना-नुकुर करते रहे हैं। अब इंदौर में उन्होंने संभावना जताई कि यह इच्छा तो नहीं रखता लेकिन भविष्य का कुछ कह नहीं सकते। यह हो जाता है। अगर मौका मिले तो इंदौर से चुनाव लड़ना पसंद करूंगा। इस पर इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि सोनू को जरूर राजनीति में आना चाहिए। उनका स्वागत है।
एक रियलिटी शो के प्रचार-प्रसार के लिए इंदौर आए सोनू सूद ने पत्रकारों के राजनीति में आने से जुड़े सवाल पर कहा कि वैसे यह दुनिया बेहतर है। राजनीति भी कमाल की दुनिया है। वहां भी लोग अच्छा काम करते हैं। मुझे लगता है कि जब भी कोई अच्छा काम करने लगता है तो कहा जाता है कि राजनीति में आइए। मुझे लगता है कि उसके बिना भी अच्छा काम किया जा सकता है। आने वाले समय में पता नहीं क्या लिखा हुआ है। मैं इच्छा नहीं रखता। लेकिन यह हो जाता है। आना तो चाहिए। सोनू सूद ने कहा कि मुझे जनता की सेवा करना बहुत पसंद है। सभी जानते हैं कि मैं कई तरह से लोगों की मदद कर रहा हूं। लोगों की मदद करने का सबसे अच्छा माध्यम राजनीति ही है। सोनू सूद के साथ रिया चक्रवर्ती, प्रिंस नरूला और गौतम गुलाटी भी इंदौर आए थे।
इंदौर मेरा दूसरा घर
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए सोनू सूद ने कहा कि इंदौर से मेरा पुराना रिश्ता है। यह मेरे लिए दूसरे घर जैसा है। इंदौर से मेरा पुराना रिश्ता है। मेरे रिलेटिव्स इंदौर में हैं। बचपन में छुट्टियों में मैं इंदौर ही आता था। 56 दुकान हो, सराफा बाजार हो, मैंने पूरा देखा हुआ है। स्कूटर चलाना भी इंदौर से ही सीखा था। एबी रोड पर घूमते हुए ही सीखा था। अंकल मुझे पलासिया में 56 दुकान पर लाते थे। खाने की दुकानें थी। अब और बेहतर हो गई हैं। इंदौर मुझे अपना घर ही लगता है। बहुत चीजें बदल गई है। इंफ्रास्ट्रक्चर बदल गया है। इसके बाद भी यहां के लोग वैसे ही हैं। उनके दिल में जो अफेक्शन रहता है, वह वैसा ही है। यह इंदौर को खास बनाता है।