मध्यप्रदेश के गृहमंत्री और भाजपा के बड़े नेता नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ पेड न्यूज के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट फैसला सुना सकता है। 2017 में चुनाव आयोग ने मिश्रा को पेड न्यूज का दोषी माना था। साथ ही तीन साल तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाई थी। दिल्ली हाईकोर्ट में हारने के बाद मिश्रा ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
दतिया विधानसभा सीट से विधायक नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ कांग्रेस नेता राजेंद्र भारती ने शिकायत दर्ज कराई थी। मामला 2008 के विधानसभा चुनावों से जुड़ा है। 46 खबरों को पेड न्यूज माना गया था। इस शिकायत को सही मानते हुए 2017 में चुनाव आयोग ने आदेश जारी कर कहा था कि मिश्रा तीन साल चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। हालांकि, मिश्रा ने इसे मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चुनौती दी। मामला राजनीतिक था और दबाव बन सकता था, इस वजह से सुप्रीम कोर्ट ने मामला दिल्ली हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया था। वहां से फैसला मिश्रा के पक्ष में नहीं आया। तब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। राजेंद्र भारती की ओर से कपिल सिब्बल, पी. चिदंबरम और विवेक तन्खा जैसे वरिष्ठ वकील पैरवी कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दो मार्च को फैसला सुनाने वाला था। हालांकि, बाद में इसे टालकर 12 अप्रैल तारीख तय हुई थी। इस मामले की यह अंतिम सुनवाई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मिश्रा की विधायकी और अगले विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारी टिकी है।