भोपाल। झाबुआ उपचुनाव की तारीख घोषित होने के साथ कांग्रेस में प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया तेज हो गई है। इसके लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ दिल्ली पहुंच गए हैं और दावेदारों को क्षेत्र में चुनाव की तैयारियों के लिए झाबुआ भेज दिया गया है। एआईसीसी महासचिव और प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने भी संकेत दिया है कि सोमवार को कांग्रेस अपना प्रत्याशी घोषित कर सकती है।
झाबुआ उपचुनाव को लेकर कांग्रेस तीन महीने से ज्यादा समय से सक्रिय है। मगर कांग्रेस यहां प्रत्याशी तय करने को लेकर पसोपेश की स्थिति में है, क्योंकि पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, उनके पुत्र डॉ. विक्रांत भूरिया और जेवियर मेड़ा यहां से दावेदारी कर रहे हैं।
वहीं, सूत्रों ने बताया कि युवा आदिवासियों के संगठन जयस (जय आदिवासी युवा शक्ति) की चेतावनी के बाद संरक्षक डॉ. हीरालाल अलावा की रविवार सुबह मुख्यमंत्री कमलनाथ से चर्चा हुई। इसके बाद उन्होंने जयस का प्रत्याशी नहीं उतारने का एलान कर दिया।
सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में झाबुआ विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को मिली बढ़त के आधार पर पूर्व केंद्रीय मंत्री भूरिया प्रबल दावेदारी जता रहे हैं। मगर लोकसभा चुनाव में जेवियर मेड़ा उपचुनाव की स्थिति बनने पर कांग्रेस के प्रत्याशी बनाए जाने के आश्वासन पर पार्टी में वापस आए थे।
इससे वे भी टिकट पाने के प्रति आश्वस्त हैं। उधर, भूरिया के पुत्र डॉ. भूरिया भी पिता को टिकट नहीं मिलने पर अपनी दावेदारी को ठोस बता रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए कमलनाथ दिल्ली में हाईकमान से प्रत्याशी चयन पर चर्चा करने पहुंचे हैं और संभवत: सोमवार को प्रत्याशी के नाम का एलान हो जाए।
मुख्यमंत्री तीन महीने से तैयारी कर रहे थे
मुख्यमंत्री कमलनाथ करीब तीन महीने से उपचुनाव की तैयारियों में जुटे थे और उन्होंने आधा दर्जन बैठकें ली हैं। कांग्रेस ने प्रभारी मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल हनी के साथ झाबुआ और आसपास के छह विधायकों वीरसिंह भूरिया, वालसिंह मेड़ा, कलावती भूरिया, हर्ष विजय गेहलोत, पांचीलाल मेड़ा और प्रताप ग्रेवाल को झाबुआ विधानसभा उपचुनाव की जिम्मेदारी सौंपी थी। इन विधायकों को कांग्रेस ने मतदान केंद्रों का बंटवारा कर जिम्मेदारी दी थी और उन्होंने दौरे भी किए। उपचुनाव की तारीख घोषित होने के एक दिन पहले भी सीएम ने मंत्री, विधायकों व स्थानीय नेताओं के साथ बैठक भी की थी।