
जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में हुए भीषण अग्निकांड के बाद लापरवाह अधिकारियों पर गाज गिरने का सिलसिला शुरू हो गया है. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पूरी घटना को गंभीरता से लेते हुए अग्निकांड के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं. संभाग आयुक्त बी चंद्रशेखर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिले के CMHO डॉ. रत्नेश कुरारिया और नगर निगम के फायर सेफ्टी अधिकारी कुशाग्र ठाकुर को सस्पेंड करने के निर्देश दिए हैं. वहीं अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. निशांत गुप्ता, डॉ. सुरेश पटेल, पार्टनर डॉ. संजय पटेल और डॉ. संतोष सोनी के खिलाफ विजय नगर थाने में FIR दर्ज हुई है.
CMHO समेत फायर ऑफिसर को किया गया सस्पेंड
52 अस्पतालों में मरीज भर्ती पर रोक वाला आदेश गलत: इसके अलावा आठ बेगुनाह लोगों की मौत के बाद प्रशासन ने जबलपुर के करीब 136 उन निजी अस्पतालों की सूची भी तैयार कर ली है जो नियमों की धज्जियां उड़ा कर संचालित हो रही हैं. शुरुआती चरण में करीब 51 ऐसे अस्पतालों में नए मरीजों की भर्ती पर रोक भी लगा लगाने की भी खबर आई थी. लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने इस आदेश का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कोई सूची CMHO ने जारी नहीं की है.

अग्निकांड के लापरवाह अधिकारियों पर गाज
डॉ. संजय मिश्रा को CMHO का प्रभार: इस बीच सरकार के निर्देश पर जिले के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रत्नेश कुररिया को निलंबित कर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के क्षेत्रीय संचालक डॉ संजय मिश्रा को सीएमएचओ का प्रभार सौंपा गया है. डॉ रत्नेश कुरारिया इस हादसे के बाद लगातार सवालों के घेरे में थे.

मुख्यमंत्री ने CMHO समेत फायर ऑफिसर को किया सस्पेंड
”सीएम के निर्देश पर अस्पताल का निरीक्षण कर रिपोर्टिग की. सीएम ने निर्देश दिये हैं कि लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. मेरे ख्याल से इस अस्पताल में स्टाफ को ट्रेनिंग नहीं दी गई है. ट्रेनिंग की कमी के चलते मरीजों को नहीं बचाया गया”.- डॉ. संजय मिश्रा, क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं
अग्निकांड में हुई थी 8 लोगों की मौत
अग्निकांड में हुई थी 8 लोगों की मौत: गौरतलब है कि सोमवार की दोपहर जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में हुए भीषण अग्निकांड में 8 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी. जबकि कई लोग झुलस गए थे. यह अस्पताल अनफ़िट बिल्डिंग में संचालित हो रहा था अस्पताल, इस भीषण अग्नि हादसे के बाद प्रदेश सरकार जहां हरकत में आ गई है तो वही जिले के आला अधिकारी भी खुद की नाकामी छुपाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते नजर आ रहे हैं.