भोपाल। मध्य प्रदेश में अगले माह 18 अक्टूबर को होने वाले ‘मैग्नीफिसेंट मध्य प्रदेश” में कमलनाथ सरकार ने चिकित्सा क्षेत्र के निवेशकों पर विशेष फोकस किया है। अमेरिका और यूरोप के कई बड़े निवेशकों ने इस संबंध में दिलचस्पी भी दिखाई है। मेडिकल टूरिज्म में प्रदेश की खास पहचान बनाने के लिए सरकार इस क्षेत्र के निवेशकों को हाथों-हाथ लेगी। इससे भोपाल-इंदौर सहित प्रदेश के अन्य शहरों में बड़े अस्पताल खुलने की संभावना बढ़ जाएगी।
वित्त मंत्री तरुण भनोत ने एक विशेष चर्चा में बताया कि हाल ही में अमेरिका प्रवास के दौरान इस क्षेत्र के कई निवेशकों से उनकी और प्रमुख सचिव उद्योग व निवेश प्रोत्साहन विभाग डॉ. राजेश राजौरा की प्रारंभिक चर्चा हुई है। वित्त मंत्री भनोत ने बताया कि मेडिकल क्षेत्र और खासतौर पर मप्र में कई निवेशकों ने अपनी रुचि दिखाई है, इसलिए इस बात की ज्यादा संभावना है कि इस क्षेत्र के ज्यादा लोग आएंगे। सरकार इन निवेशकों को बुलाकर मप्र में मेडिकल टूरिज्म की संभावना देख रही है। भोपाल-इंदौर सहित कुछ अन्य शहरों को मेडिकल टूरिज्म के संभावित केंद्र के रूप में पेश किया जा रहा है।
वित्त मंत्री ने एक सवाल के जवाब में बताया कि कमलनाथ सरकार की सोच है कि इंदौर में अगले महीने होने वाली इंवेस्टर्स मीट ‘मैग्नीफिसेंट मप्र” के बाद प्रदेश की धरती पर वास्तविक रूप से काम भी नजर आए। सरकार का प्रयास है कि निवेश के बाद मप्र मेडिकल टूरिज्म और चिकित्सा क्षेत्र का ‘हब” बनकर उभरे, ताकि पूरे विश्व से लोग यहां इलाज कराने आएं, क्योंकि अमेरिका-यूरोप में चिकित्सा का खर्च बहुत महंगा है।
इसके अलावा सरकार ने निवेशकों के साथ होने वाले ‘करार” में क्षेत्रीय युवाओं को 70 फीसदी रोजगार देने की शर्त भी रखी है। इससे मप्र में रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी।
वित्त मंत्री भनोत ने पूर्ववर्ती सरकार पर तंज कसते हुए यह भी कहा कि पिछले साल फरवरी में ही तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मुंबई-दिल्ली में तीन दिनी इंवेस्टर्स मीट का कार्यक्रम तय कर लिया था। राज्य सरकार ने इस आयोजन को एक दिवसीय करते हुए चुनिंदा उद्योगपतियों को ही बुलाने का निर्णय लिया है। उसे ही आमंत्रित किया जाएगा, जो मप्र में निवेश लाने के लिए गंभीर है। सरकार ने ऐसे निवेशकों को हरसंभव सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने का आश्वासन भी दिया है।