भोपाल : मध्यप्रदेश में जल जीवन मिशन में जनजाति क्षेत्रों को प्रमुखता प्रदान करते हुए प्रदेश के जनजाति बहुल क्षेत्रों में प्राथमिकता से कार्य किए जा रहे हैं। इन क्षेत्रों में ग्रामीण परिवारों सहित स्कूल और आँगनवाड़ी में नल कनेक्शन से जल उपलब्ध कराने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। यही वजह है कि प्रदेश में जनजाति बहुल 20 जिलों में रहने वाली 18 लाख से अधिक ग्रामीण आबादी को नल कनेक्शन के जरिए पेयजल उपलब्ध करवाया जा चुका है। मिशन के प्रारम्भ होने से अब तक प्रत्येक माह करीब एक लाख आबादी को यह सुविधा मुहैय्या करवायी जा चुकी है, जो जनजाति बहुल जिलों के ग्रामीण परिवारों का 42 प्रतिशत से अधिक है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हर घर नल और हर नल से जल की मंशा से ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को लाल किले से जल जीवन मिशन की घोषणा करते हुए कहा था कि अगले पाँच वर्षो में हमें गत 70 वर्षों में किए गये काम की अपेक्षा चार गुना कार्य अधिक करना है। जल जीवन मिशन में राज्यों को वर्ष 2024 तक अपने लक्ष्य पूरे करना हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने भोपाल प्रवास के दौरान भी अपने संबोधन में कहा था कि जब देश अपने संकल्पों की पूर्ति के लिए ईमानदारी से जुटता है तब सुधार आता है और परिवर्तन होता है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के हर ग्रामीण परिवार को साफ पेयजल उपलब्ध कराना ही जल जीवन मिशन का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि अपनी भावी पीढी के लिए पेयजल सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है। प्रदेश के ग्रामीण और दूरस्थ अंचल में बसे जनजाति वर्ग के परिवारों को जल जीवन मिशन के जरिये उनके घर में नल कनेक्शन से पेयजल उपलब्ध करवाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।