
नई दिल्ली |
वीएचपी की केंद्रीय बैठक में अंतिम दिन प्रस्ताव पारित किया गया कि आने वाले दिनों में देशवासियों की कोरोना की तीसरी लहर से रक्षा, जबरन धर्मांतरण पर रोक व मठ-मंदिरों की मुक्ति लिए अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही वीएचपी ने यूपी और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा पर रोक पर पुनर्विचार की मांग भी सरकार से की है।
वीएचपी कार्यकारी अध्यक्ष अलोक कुमार और संयुक्त महासचिव सुरेन्द्र जैन ने ये जानकारी दी। वीएचपी पदाधिकारी ने कहा कि हरियाणा के मेवात का मुद्दा, यूपी के लोनी में धर्मांतरण की हाल में हुई घटना से जुड़ा मामला हो या मिशनरियों द्वारा लालच देकर किए जा रहे धर्मांतरण पर रोक के लिए कठोर कार्रवाई से जुड़ा संकल्प लिया गया। कुमार ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए देशभर में वीएचपी अपने कार्यकर्ता की मदद से सेवा अभियान को पुख्ता तरीके से चलाएगा और लोगों को चिकित्सा से लेकर खाने तक के समान उपलब्ध कराने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मठ मंदिरों पर गलत तरीके से अधिकार करने के खिलाफ भी वीएचपी जुटेगी।
वहीं सुरेन्द्र जैन ने कहा कि कांवड़ यात्रा को रद्द करने के योगी सरकार के फैसले से विश्व हिंदू परिषद (विहिप) संतुष्ट नहीं है। विहिप ने योगी सरकार से कांवड़ यात्रा के रद्द फैसले पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है।