उत्तरप्रदेश औरउत्तराखंड में जहरीली शराब पीने से 40 लोगों की मौत हो गई। उप्र के कुशीनगर में 10, सहारनपुर में 18 और उत्तराखंड के रुड़की में 12 की जान गई। करीब 24 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। दोनों मामलों में शुक्रवार को पुलिस और आबकारी विभाग के 22 कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। लोगों का आरोप है कि मरने वालों ने स्प्रिट से बनी शराब पी थी।
आरोप: अवैध शराब भट्टियों को नेताओं का संरक्षण
कुशीनगर के जवहि दयाल चैनपट्टी में मंगलवार रात जहरीली शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई थी। इन लोगों ने गांव के बाहर ईंट भट्ठे पर बनने वाली अवैध शराब पी थी। इसके बाद बीते 72 घंटे में शराब पीने से बीमार हुए सात और लोगों ने दम तोड़ दिया। लगातार हुईं मौतों से गांव में आक्रोश है। गुरुवार को कलेक्टर डॉ. अनिल कुमार सिंह और एसपी राजीव नारायण मिश्रा समेत कई अफसर गांववालों को समझाने पहुंचे। लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस और आबकारी विभाग की मिलीभगत से इलाके में स्प्रिट से बनी शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर हो रहा है। जिसे नेताओं का भी संरक्षण प्राप्त है।
आबकारी इंस्पेक्टर और थाना प्रभारी समेत 9 पर गिरी गाज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शुक्रवार को क्षेत्रीय आबकारी निरीक्षक एचएन पांडेय और विभाग के सिपाही प्रहलाद सिंह, राजेश तिवारी, रवींद्र कुमार और ब्रह्मानंद को निलंबित कर दिया गया। उधर पुलिस विभाग में थाना प्रभारी विनय कुमार पाठक, हल्का इंचार्ज भीखू राय और दो सिपाही- कमलेश यादव और अनिल कुमार को निलंबित किया गया है।