नागरिकता कानून पर बवाल और मोदी सरकार की उसपर सफाई जारी है. इस बीच सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने का ऐलान कर दिया है. इस फैसले को भी एनआरसी से जोड़कर इस पर सवाल उठाए जा रहे हैं. हालांकि, केंद्र सरकार साफ तौर पर दोनों के बीच किसी लिंक से इनकार कर रही है. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि एनपीआर-एनआरसी की प्रक्रिया का एक-दूसरे से कोई लेना-देना नहीं है और न ही इससे किसी की नागरिकता जाने वाली है. लेकिन असम में एनपीआर अपडेशन क्यों नहीं होगा, अमित शाह ने इसका कारण भी एनआरसी को ही बताया है. राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर पहली बार 2010 में तैयार किया गया था. आधार से जोड़े जाने के बाद 2015 में इसे अपडेट किया गया और अब एक बार फिर इसे अपडेट करने का फैसला किया गया है. यह फैसला मोदी कैबिनेट ने 24 दिसंबर को लिया है