बढ़ती ठंड को देखते हुए भगवान गणेश को पहनाएं गर्म कपड़े

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शहर में खजराना गणेश जी ही 24 घंटे भक्तों को दर्शन देते हैं, वैसे तो भगवान को ठंड नहीं लगती है लेकिन कहा जाता है कि भक्त जिस भाव से भगवान के दर्शन और उनकी सेवा करना चाहते हैं, भगवान भी उसी भाव में उन्हें दर्शन देते हैं। भक्त जिस तरह खुद को ठंड से बचाने के लिए गरम कपड़े पहन रहे हैं और अलाव के सामने बैठकर सर्दी को दूर कर रहे है ठीक उसी आस्था और भावना से खजराना गणेश मंदिर में भगवान गणेश उनकी पत्नी रिद्धि-सिद्धि पुत्र शुभ-लाभ के साथ ही उनके वाहन मुषक को भी रोज रात 11 बजे से सुबह 6 बजे तक ऊनी और गर्म पोशाकें पहनाईं जा रही है।
इस साल नवंबर तक हुई बारिश के बाद अब ठंड भी अपने पूरे शबाब पर है। इस सर्दी से इंसान ही नहीं भगवान भी ठंड से ठिठुरने लगे हैं। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के भक्तों ने भगवान को सर्दी से बचाने के लिए तरह-तरह के जतन करना शुरू कर दिए हैं। मंदिरों में भगवान के सामने हीटर जलाए जा रहे हैं और उन्हें गर्म वस्त्र धारण कराए जा रहे हैं। क्योंकि बढ़ती सर्दियों में ठंड का एहसास सिर्फ इंसान ही नहीं, भगवान को भी होने लगा है। जिस तरह हम सभी ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं, उसी तरह इंदौर के विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर में भगवान गणेश को ठंड से बचाने के लिए ऊनी वस्त्र धारण कराए जा रहे हैं।
इंदौर स्थित खजराना गणेश मंदिर में जितने भी भगवान के मंदिर है, सभी में भगवान ऊनी और गर्म पोशाक में दर्शन दे रहे हैं। पुजारी अशोक भट्ट का कहना है कि वैसे तो भगवान को ठंड नहीं लगती है। लेकिन खजराना गणेश मंदिर में भगवान गणेश के लिए खास तौर से ऊनी रजाई तैयार की गई है। माघ शीर्ष मास की ग्यारस से भगवान गणेशजी को ऊनी और कंबल की पोशाकें रोज रात ग्यारह बजे धारण कराईं जाती हैं और सुबह 6 बजे इन्हें निकाल दिया जाता है। ये गर्म पोशाकें गणेश के अलावा शुभ लाभ और रिद्धि सिद्धि को भी पहनाईं जाती हैं। साथ ही मंदिर प्रांगण के सभी भगवानों के लिए ऊनी वस्त्र पहनाए जाते हैं।

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