कुछ ऑनलाइन जालसाजों ने रविवार को एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को “क्रेडिट कार्ड के दुरुपयोग” के लिए मोबाइल कॉल के ज़रिए “डिजिटल अरेस्ट” करने का प्रयास किया. उन्होंने ऐसे वक्त में कॉल किया जब पुलिस अधिकारी मध्य प्रदेश के इंदौर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे.
इंदौर क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (ADCP) राजेश दंडोतिया ने PTI को बताया, “कॉल करने वाले ने बताया कि मैंने अपने क्रेडिट कार्ड का दुरुपयोग किया है और इसके परिणामस्वरूप मुंबई के अंधेरी वेस्ट पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. मैं उस समय प्रेस ब्रीफिंग कर रहा था. मुझे बताया गया कि मेरा बैंक खाता ब्लॉक कर दिया जाएगा और मुझे दो घंटे में पुलिस स्टेशन आने के लिए कहा गया.”
इस तरह बुना था जाल
अधिकारी ने कहा कि उन्होंने कॉल करने वाले से कहा कि वह इतने कम समय में इंदौर से मुंबई नहीं आ पाएंगे. अधिकारी ने बताया, “फोन करने वाले ने मुझसे कहा कि वह मुझे पुलिस स्टेशन के किसी व्यक्ति से मिला देगा. फिर उसने मुझे किसी दूसरे व्यक्ति से मिलाया, जिसने मुझे इंतजार करने के लिए कहा. उसने कहा कि वह अपने वरिष्ठ अधिकारी से बात करेगा कि क्या मेरा बयान वीडियो कॉल के ज़रिए रिकॉर्ड किया जा सकता है. जब उसने मुझे पुलिस की वर्दी में देखा, तो उसने तुरंत वीडियो कॉल काट दिया.”
डिजिटल गिरफ़्तारी को लेकर किया जागरूक
दंडोतिया ने कहा कि उन्होंने मीडियाकर्मियों से एक वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए कहा ताकि लोगों को ऐसे साइबर अपराधों और डिजिटल गिरफ़्तारी के बारे में जागरूक किया जा सके. डिजिटल गिरफ़्तारी साइबर अपराधियों की एक कार्यप्रणाली है जो किसी व्यक्ति को गिरफ़्तारी की धमकी देते हैं, उसे इलेक्ट्रॉनिक निगरानी में रखते हुए एक कमरे में बंद रहने के लिए मजबूर करते हैं और फिर उसे आरोपों से “मुक्त” करने के बहाने पैसे ऐंठ लेते हैं.