मध्य प्रदेश में कुल दो सीटों पर विधानसभा उपचुनाव हुए. बुधनी और विजयपुर सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच अहम और कड़ा मुकाबला देखने को मिला. बुधनी को शिवराज सिंह का गढ़ माना जाता है. यहां 13 नवंबर को मतदान हुए थे. भाजपा ने यहां से रमाकांत भार्गव को चुनावी मैदान में उतारा था. उन्होंने कांग्रेस के राजकुमार पटेल के खिलाफ जीत हासिल करके इस सीट को एक बार फिर भाजपा के खेमे में सुरक्षित कर दिया है. बता दें कि पिछले 6 विधानसभा चुनाव से यहां भाजपा ही जीतती आ रही है. रमाकांत भार्गव इससे पहले विदिशा लोक सभा से साल 2019 में सांसद चुने गए थे.
जीत के बाद भार्गव ने दी बधाई, कहा- कांग्रेस भ्रम में जीती है
बीजेपी प्रत्याशी रमाकांत भार्गव ने जीत के बाद मीडिया से बात की है. इस दौरान भार्गव ने कहा- “मतदाताओं को बहुत-बहुत धन्यवाद है. यह डबल इंजन के सरकार की जीत है. शिवराज सिंह चौहान ने बुधनी को विकास का मॉडल बनाया है. जीत में वोट का मार्जिन कम होने पर भार्गव ने कहा- कम मतदान की वजह से जीत का मार्जिन कम हुआ है. जनता की सेवा करेंगे, विकास करेंगे. कांग्रेस हमेशा भ्रम फैलाने का काम करती है ,और भ्रम में जीती है”.
कौन है रमाकांत भार्गव
साल 1953 में बुधनी की धरती पर रमाकांत भार्गव का जन्म हुआ था. उनका पूरा जीवन इसी धरती पर गुजरा है और वह यहां की समस्याओं को अच्छी तरह से जानते-समझते हैं. इसी वजह से यहां की जनता ने भार्गव पर विश्वास जताया है. इन्हें शिवराज सिंह का करीबी भी माना जाता है. रमाकांत के बारे में कहा जाता है कि सरल स्वभाव के हैं. बता दें कि उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी. 2019 से पहले उन्होंने कोई चुनाव नहीं लड़ा था. रमाकांत ने अपने क्षेत्र के गरीब परिवारों की बालिकाओं के सामूहिक विवाह कराकर लोगों के बीच अच्छी लोकप्रियता हासिल की है. वे शुरू से ही खेती-किसानी के कामों से जुड़े रहे हैं.
इन मुद्दों पर लड़ा गया चुनाव
बुधनी में भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों ने विकास और जमीनी स्तर पर सशक्तिकरण लाने पर जोर दिया. दोनों का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और शहरी मतदाताओं के साथ तालमेल बिठाना रहा. बुधनी चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण रही, क्योंकि यह क्षेत्र के बड़े राजनीतिक परिदृश्य को हमेशा से प्रभावित करता रहा है. दोनों उम्मीदवारों ने बुधनी के भविष्य के लिए अपने-अपने दृष्टिकोण को उजागर करते हुए व्यापक अभियान, रैलियां और डिजिटल आउटरीच में भाग लिया है. इस उपचुनाव के परिणाम में खासकर युवाओं और महिलाओं का प्रभाव अहम साबित हुआ है
ऐसा है बुधनी सीट का समीकरण
मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में स्थित बुधनी विधानसभा सीट इस जिले के चार विधानसभाओं में से एक है. यहां हुए उपचुनाव में भाजपा ने रमाकांत भार्गव को उम्मीदवार बनाया, तो कांग्रेस ने राजकुमार पटेल को चुनावी मैदान में उतारा था. इस सीट को भाजपा और खासतौर से शिवराज सिंह चौहान का गढ़ मानी जाती है. आंकड़ों की मानें, तो बुधनी में कुल 2,76,397 मतदाता हैं. इसमें से 1,43,111 पुरुष और 1,33,280 महिलाएं हैं. इस क्षेत्र से कुल 20 उम्मीदवार मैदान में थे. हालांकि, मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही मानी जा रही थी.
शिवराज सिंह का गढ़ है बुधनी
बुधनी विधानसभा सीट केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह का गढ़ मानी जाती है. इसलिए इसे एक हॉट सीट के रूप में देखा जाता है. शिवराज के मोदी कैबिनेट में मंत्री बनने के बाद ये सीट खाली हुई, जिसके कारण यहां उपचुनाव हुई. इस चुनाव में बीजेपी के रमाकांत भार्गव ने बड़ी जीत हासिल की है.