शुरुआती रुझानों के मुताबिक महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन और झारखंड में बीजेपी गठबंधन बढ़त बनाए हुए है। महायुति, जिसमें भाजपा, राकांपा का अजीत पवार गुट और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना शामिल है, 57 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) 28 सीटों पर आगे चल रही है। इसमें 40 भाजपा के पास है। 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 145 है। खबर लिखे जाने तक महाराष्ट्र में 44 सीटों पर बीजेपी, शिवसेना गठबंधन का महायुति गठबंधन आगे चल रहा है। वहीं, 7 सीटों पर कांग्रेस और उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना (यूबीटी) का महा विकास अघाड़ी गठबंधन आगे चल रहा है।
झारखंड की बात करे तो एनडीए 25 सीटों पर आगे है तो वहीं, इंडिया 10 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा के लिए 20 नवंबर को एक चरण में चुनाव हुआ, जिसमें 66.05 प्रतिशत मतदान हुआ। जहां मुंबई जैसे शहरी केंद्रों में 52.65 प्रतिशत मतदान हुआ, वहीं आदिवासी बहुल गढ़चिरौली 70 प्रतिशत के साथ आगे रहा। 13 और 20 नवंबर को हुए झारखंड के दो चरणों के चुनावों में रिकॉर्ड 67.74 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2000 में राज्य के निर्माण के बाद से सबसे अधिक है।
महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनावों की तुलना में इस बार उम्मीदवारों की संख्या में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस साल 4,136 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा, जबकि 2019 के चुनावों में 3,239 उम्मीदवार मैदान में थे। इन उम्मीदवारों में 2,086 निर्दलीय हैं। 150 से ज्यादा सीटों पर बागी उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें महायुति और एमवीए के उम्मीदवार अपनी पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे।
राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा नीत ‘इंडिया’ और भाजपा नीत राजग के बीच कड़ा चुनावी मुकाबला देखने को मिला। सभी की निगाहें उन प्रमुख सीटों पर होंगी जो प्रमुख राजनेताओं के चुनावी भाग्य का फैसला करेंगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बरहेट से, उनकी पत्नी कल्पना ने गांडेय से, जबकि विपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी (भाजपा) ने चंदनकियारी से चुनाव लड़ा है। कुल 1,211 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें धनवार में भाजपा के बाबूलाल मरांडी और नाला में झामुमो के रवींद्र नाथ महतो शामिल थे।