इंदौर में परंपरागत डामर की सड़कों से अब नगर निगम तौबा करेगा,क्योकि बारिश में हर साल यह उखड़ जाती है और सड़कों पर होने वाले गड्ढों के कारण नगर निगम की बदनामी होती है। इंदौर में अब डामर की सड़कों के बजाए व्हाइट टाॅपिंग रोड बनेंगे। जिनके रखरखाव की जरुरत दस सालों तक नहीं पड़ेगी।
इसके निर्माण की लागत भी डामर की सड़कों से कम है। प्रयोग के तौर पर प्रदेश की पहली व्हाइट टाॅपिंग रोड डेंटल काॅलेज चौराहा से एबी रोड तक बनाने का काम सोमवार को शुरू हुआ।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि शहर की डामर की सड़कों पर हर बार पेंचवर्क करना पड़ता था। वहां नई तकनीक से सड़क बनाई जाएगी। पहली सड़क वाले माॅडल को हम प्रयोग के तौर पर ले रहे है। जनकार्य प्रभारी राजेन्द्र राठौर ने बताया कि व्हाइट टॉपिंग विधि से सड़क बनाने के लिए दीपावली के पूर्व भूमि पूजन किया गया था। अब काम शुरू किया गया।
मध्य प्रदेश की पहली व्हाइट टॉपिंग की सड़क इंदौर में
-व्हाइट टापिंग सीमेंट कांक्रीट तकनीक में मिलिंग मशीन की मदद से पुरानी डामर की सड़क की उपरी परत पर कांक्रीट का मोटा लेप किया जाता है। इससे समय और संसाधनों की बचत होती है। व्हाइट टापिंग सीमेंट कांक्रीट तकनीक में एम-40 ग्रेड सीमेंट क्राकिंट में फाइबर बुरादा भी उपयोग किया जाता है।
-नई तकनीक से सड़क बनाने में ज्यादा समय नहीं लगता। ट्रैफिक भी बाधित नहीं होता। सीमेंट की सड़क पर 25 दिन तक तरी करना पड़ती है।
-इंदौर में रीगल से पलासिया चौराहा और रीगल से मधुमिलन चौराहा तक नई तकनीक से सड़क बनाई जाएगी।