इंदौर। अपने बयानों के लिए चर्चित कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। दिल्ली और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों पर निशाना साधते हुए उनकी जुबान फिसल गई और सीएम को ‘प्रधानमंत्री’ कहकर उनकी निंदा कर दी। उन्होंने कहा कि ये राज्य केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करने में संकोच कर रहे हैं, जिससे लाभार्थियों तक आयुष्मान योजना का लाभ नहीं पहुंच पा रहा है। मैं दोनों राज्यों के प्रधानमंत्री की निंदा करता हूं।
कैसे फिसली जुबान?
विजयवर्गीय ने अपने बयान में कहा, “दिल्ली और बंगाल की सरकारें, केंद्र की योजनाओं को लागू करने में संकोच करती हैं। हमें लगता है कि लाभार्थियों के लिए केंद्र की योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचना चाहिए। इस पर राजनीति कहीं करनी चाहिए। दिल्ली और बंगाल के मुख्यमंत्री, जिनका प्रधानमंत्री योजना लाभ का हक है, उनको हक से वंचित करते हैं। हम दोनों प्रधानमंत्री की निंदा करते हैं।” इस बयान के तुरंत बाद यह बात मीडिया में चर्चा का विषय बन गई। लेकिन खुद कैलाश विजयवर्गीय यह नहीं समझ पाए कि वह खुद क्या बोल गए और ना ही उन्होंने बोलने के बाद किसी प्रकार की माफी मांगी।
राहुल गांधी पर तंज, पीएम मोदी की तारीफ
अपने बयान में विजयवर्गीय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी तंज कसते हुए कहा, “राहुल गांधी होना सच में आसान नहीं है। इधर से आलू डालो और उधर से सोना निकालो। जलेबी की फैक्ट्री खोलो, ऐसा काम सिर्फ राहुल गांधी ही कर सकते हैं। उनकी बराबरी कोई नहीं कर सकता।” साथ ही उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि यह पहली बार है जब चीन ने अपने कदम पीछे हटाए हैं, और इस काम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुभकामनाएं दीं।
प्रियंका गांधी के बयान पर कटाक्ष
विजयवर्गीय ने प्रियंका गांधी के वायनाड में दिए बयान पर भी कटाक्ष किया और राहुल गांधी के बयानों को लेकर व्यंग्यात्मक टिप्पणियां कीं। विजयवर्गीय के इस बयान ने राजनीतिक हलचल को और बढ़ा दिया है, जहां वे अपने तीखे बयान और चुटकियों के कारण एक बार फिर से सुर्खियों में आ गए हैं।कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा का माहौल गरमा दिया है, और उनकी जुबान फिसलने की इस घटना पर अब कई नेता अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।