हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्योहार मनाने की परंपरा है। इस दिन देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश, कुबेर देवता और भगवान धन्वंतरि की पूजा का विधान है। ऐसा माना जाता है कि अगर धनतेरस के दिन विधि-विधान से पूजा की जाए तो लोगों की समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि होती है। आपको बता दें, धनतेरस के दिन विशेष उपाय किये जाते हैं। जो शुभ फल देता है। अब ऐसे में धनतेरस के दिन धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करने की मान्यता है.
धनतेरस के दिन करें धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ अगर आप धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा कर रहे हैं तो इस स्तोत्र का विशेष रूप से पाठ करें। इस स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को कर्ज से मुक्ति मिल जाती है।
ॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः
सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम।
कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम
वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम।
ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:
अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय।
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप
श्री धन्वंतरि स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः।
धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ कैसे करें?
धनतेरस के दिन शाम के समय उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा करनी चाहिए। इसके लिए इस दिशा में एक पवित्र स्थान का चयन करें और उसे साफ कर लें। इसके बाद एक चौकी रखें और उस पर भगवान कुबेर, धन्वंतरि जी और माता लक्ष्मी की मूर्ति रखें। इसके बाद भगवान धन्वंतरि को सफेद मिठाई और पीली मिठाई का भोग लगाएं. इसके बाद आरती करनी चाहिए. इसके बाद धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ शुरू करें।
धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करने का क्या महत्व है?
धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को कभी भी धन की कमी नहीं होती है। वहीं धनतेरस के दिन धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही रोगों से भी मुक्ति मिलती है। इस स्तोत्र का पाठ करने से दीर्घायु का वरदान मिलता है। इसके अलावा अगर आप धनतेरस के दिन धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ करते हैं तो इससे आपको धन की प्राप्ति होती है। कर्ज से परेशान हैं तो इस स्तोत्र का कम से कम 21 बार पाठ करना चाहिए। इससे भी सौभाग्य की प्राप्ति होती है।