नई दिल्ली: हरियाणा में जीत सामने देख रही कांग्रेस को अंत में हार नसीब हुई। इस करारी हार को अब तक कांग्रेस हजम नहीं कर पाई है। इस नतीजे की एक वजह ओवर कॉन्फिडेंस भी मानी जा रही है। यही वजह है कि पार्टी अब महाराष्ट्र में हर कदम फूंक-फूंक कर रखना चाहती है। सोमवार को महाराष्ट्र कांग्रेस नेताओं के साथ हुई मीटिंग में राहुल गांधी ने अलर्ट भी किया कि आप लोगों को ओवर कॉन्फिडेंस से बचना होगा। उन्होंने कहा कि आप लोग एकजुट होकर काम करें और किसी भी तरह के अति आत्मविश्वास से बचें। चुनाव आयोग आज ही महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का ऐलान करने वाला है।
इसके साथ ही झारखंड के विधानसभा चुनावों का भी शेड्यूल जारी किया जाएगा। लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपने दम पर बहुमत से रोकने वाली कांग्रेस को उम्मीद थी कि वह हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में अच्छे नतीजे लाएगी। खासतौर पर हरियाणा में तो पार्टी को अपने दम पर सत्ता की उम्मीद थी, लेकिन नतीजे ने चौंका दिया। भाजपा लगातार तीसरी बार हरियाणा में जीत गई। अब भाजपा को महाराष्ट्र में जीत का भरोसा जग गया है, जबकि कांग्रेस वहां अब सावधानी के साथ ही चलना चाहती है। अब तक कांग्रेस महाराष्ट्र में इस भरोसे में रही है कि वह पहले नंबर पर रहेगी।
बता दें कि महाराष्ट्र में सीट शेयरिंग भी INDIA अलायंस के लिए एक चैलेंज है। उद्धव ठाकरे गुट सबसे ज्यादा सीटें चाहता है, जबकि कांग्रेस का कहना है कि लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को देखते हुए वह सबसे ज्यादा सीटों पर लड़ेगी। हालांकि इस बात पर तीनों के बीच सहमति दिखती है कि वह किसी भी हाल में एक साथ ही चुनाव में उतरेंगे। बता दें कि महाविकास अघाड़ी को लोकसभा चुनाव में अच्छी सफलता मिली थी। राज्य की 48 में से 31 सीटों पर गठबंधन जीता था। वहीं भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को महज 17 पर ही जीत मिली थी। तभी से राज्य में INDIA अलायंस उत्साहित है, लेकिन हरियाणा के नतीजों ने राहुल गांधी से लेकर पूरी पार्टी को ही अलर्ट कर दिया है।
इसी वजह से पूरी कोशिश है कि मतभेद वाले मुद्दों को फिलहाल दूर ही रखा जाए। सीएम फेस घोषित नहीं किया जाएगा। अब तक तीनों दलों के बीच जो बात हुई है, उसके अनुसार कांग्रेस 110 से 115 सीटें लड़ सकती है। वहीं 90 से 95 सीटें उद्धव सेना को मिलने की उम्मीद है। शरद पवार की एनसीपी के खाते में 80 से 85 सीटें जा सकती हैं।